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उत्तराखंड

क्या है उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’, किन लोगों के खिलाफ होगी कार्रवाई?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सनातन धर्म की मर्यादा के नाम पर जनता को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने अधिकारियों को ऑपरेशन कालनेमि शुरू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि साधु-संतों के वेश में छुपे ठगों पर शिकंजा कसा जा सके. राज्य में हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कुछ असामाजिक तत्व संतों का चोला पहनकर लोगों विशेष रूप से महिलाओं को धोखा दे रहे हैं. ये लोग धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर भोली-भाली जनता से ठगी कर रहे हैं

ऐसे कृत्यों से न केवल धार्मिक आस्थाएं प्रभावित होती हैं, बल्कि सामाजिक एकता और सनातन संस्कृति की गरिमा को भी ठेस पहुंचती है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी भी धर्म से संबंध रखता हो और इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

‘पाखंड फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जिस तरह से राक्षस कालनेमि ने साधु का रूप रखकर लगों को भ्रमित करने की कशिश की थी. वैसे ही आज समाज में कई कालनेमि सक्रिय हैं, जो धार्मिक रूप धारण कर अपराध कर रहे हैं. हमारी सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा की रक्षा और सामाजिक एकता बनाये रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. धर्म और आस्था की आड़ में पाखंड फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी कीमत पर इन्हें बख्शा नहीं जाएगा.”

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पाखंड और अंधविश्वास के नाम पर जनता को गुमराह करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की धार्मिक, जातीय या पंथीय पहचान की परवाह किए बिना राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी और सख्त कदम उठाएगी. जनता से यह अपील गई गई है कि अगर उन्हें किसी भी फर्जी बाबा या ढोंगी के बारे में जानकारी हो, तो तुरंत प्रशासन को इसकी जानकारी दें, ताकि उनके विरुद्ध सख्त कदम उठाए जा सकें.

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