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उत्तरप्रदेश

किसानों के लिए यूपी सरकार ने शुरू की ये स्कीम, ऐसे मिलेगा फायदा

उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारत की पहली कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम शुरू की है. इस योजना के तहत अब तक 244 किसानों को 49.55 लाख रुपये दिए गए हैं. अगले चरण में 401 और किसानों को 25.45 लाख रुपये दिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम में आयोजित राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान के दौरान इसकी शुरुआत की. पहले चरण में गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों के किसानों को शामिल किया गया. गोरखपुर के 2,406 किसानों को 34.66 करोड़, बरेली के 4,500 किसानों को 24.84 करोड़, लखनऊ के 2,512 किसानों को 21.26 करोड़, मेरठ के 3,754 किसानों को 21.67 करोड़, मुरादाबाद के 4,697 किसानों को 38.05 करोड़ और सहारनपुर के 7,271 किसानों को 61.52 करोड़ रुपये मिलेंगे. दूसरे चरण में यह योजना देवी पाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडलों में विस्तारित होगी और तीसरे चरण में पूरे राज्य में लागू होगी.

कॉर्बन क्रेडिट क्या है?

कॉर्बन क्रेडिट एक तरह की पर्यावरणीय मुद्रा है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी को दर्शाती है. प्रत्येक कॉर्बन क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e) के उत्सर्जन में कमी, हटाने या ऑफसेट का प्रतिनिधित्व करता है. किसान उत्सर्जन कम करने या कार्बन अवशोषण बढ़ाने वाली तकनीकों, जैसे वृक्षारोपण, के जरिए कॉर्बन क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं. इन क्रेडिट्स को कॉर्बन मार्केट में बेचा या व्यापार किया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होती है.

यूपी सरकार की स्कीम क्या है?

राज्य सरकार के अनुसार, वन-कृषि (एग्रोफॉरेस्ट्री) के जरिए यूपी के किसानों ने अब तक 42.19 लाख कॉर्बन क्रेडिट उत्पन्न किए हैं. प्रति क्रेडिट 6 डॉलर की दर से हर पांच साल में वितरण होता है. यह योजना द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ साझेदारी में चल रही है. इसके तहत, एक मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य ग्रीनहाउस गैस हटाने पर एक कॉर्बन क्रेडिट दिया जाता है. इससे किसानों को आय के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में योगदान का अवसर मिलता है. योजना के तहत, किसान प्रति पेड़ 250 से 350 रुपये अतिरिक्त कमा सकते हैं. 2024 से 2026 तक 25,140 किसानों को 202 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन मिलेंगे. भारत सरकार के 2070 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी लक्ष्य में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

एक पेड़ मां के नाम 2.0

सरकारी बयान के अनुसार, ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान ने इस साल 37.21 करोड़ पौधे रोपकर नया रिकॉर्ड बनाया. पिछले आठ वर्षों में यूपी में 240 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गए. 2017 से अब तक, राज्य का हरित क्षेत्र लगभग 5 लाख एकड़ बढ़ा है, और वन एवं वृक्ष आवरण राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 9.18% से बढ़कर लगभग 10% हो गया है.

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