विदेश
जो हूती दुनिया में किसी की नहीं सुनते, वहां भारत के इस बुजुर्ग ने कैसे चलाया अपना सिक्का, बची निमिषा की जान

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना की जेल में फांसी दी जानी थी. लेकिन ठीक एक दिन पहले, 15 जुलाई को यमन की अदालत ने अचानक फांसी पर ब्रेक लगा दिया. ये वही इलाका है, जो हूती विद्रोहियों के कब्जे में है. वो हूती जिनसे बातचीत करना अमेरिका तक के लिए टेढ़ी खीर बन चुका है.
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने हाल के दिनों में कोशिशें तेज की थीं कि पीड़ित परिवार से म्यूचुअल एग्रीमेंट यानी समझौता हो सके. यमन के कानून के मुताबिक, हत्या के मामलों में ‘ब्लड मनी’ देने पर मृत्युदंड टल सकता है. इस मोड़ पर सामने आते हैं 94 वर्षीय कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार, जिन्हें भारत में ‘ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया’ कहा जाता है.