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सितंबर के बाद कर्नाटक में होगा बड़ा राजनीतिक बदलाव… सिद्धारमैया के मंत्री के बयान से अटकलें तेज

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना गुरुवार को फिर सितंबर के बाद राज्य में “क्रांतिकारी” राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत दिया है. इससे पहले उन्होंने 26 जून को टिप्पणी की थी और उनकी टिप्पणी से इस वर्ष के अंत में नेतृत्व में संभावित परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई थीं.

राजन्ना से जब उनकी पिछली टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह (क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम) आगे है… मैंने सितंबर में ये बातें कही थी और उस पर अभी भी मैं पूरी तरह से कायम हूं.

उन्होंने कहा, “अगर मैं अभी सब कुछ बता दूं तो कोई जिज्ञासा नहीं बचेगी. जिज्ञासा बनी रहने दीजिए.” मुख्यमंत्री के समर्थक राजन्ना ने कहा कि सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर पहले ही स्पष्टीकरण दे दिया है, लेकिन इस विषय पर कोई भी चर्चा अप्रासंगिक है.

कर्नाटक में सीएम बदलाव की अटकलें

उन्होंने कहा, “सिद्धारमैया ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे, इसलिए यह शर्त भी लागू है. इस पर कोई भी फैसला हाईकमान स्तर पर लिया जाएगा.”

इस महीने की शुरुआत में सिद्धारमैया ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, साथ ही उन्होंने दोहराया था कि वह पार्टी हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे.

राजनीतिक हलकों में – विशेष रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर – इस वर्ष के अंत में नेतृत्व में संभावित परिवर्तन के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं, जो कथित तौर पर सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते से जुड़ा है.

कांग्रेस संगठन में भी हो सकता है फेरबदल

केपीसीसी अध्यक्ष पद में भी बदलाव की चर्चा है, जिस पर शिवकुमार अपने मूल कार्यकाल से अधिक समय तक काबिज रहे हैं. राजन्ना ने कहा कि वह अपनी आगामी दिल्ली यात्रा के दौरान कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मिलने की योजना बना रहे हैं.

इस महीने की शुरुआत में सुरजेवाला की मंत्रियों के साथ हुई एक-एक बैठक का “बहिष्कार” करने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजन्ना ने स्पष्ट किया, “मुझे उस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया था. अगर मैं शहर में होता, तो उनसे मिलता, लेकिन मैंने निजी कारणों से पहले से ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा तय कर रखी थी और इसलिए उसमें शामिल नहीं हो सका.

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