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महाराष्ट्र

उनके साथ ऐसा क्यों किया और किसके लिए किया? मालेगांव विस्फोट मामले में बरी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित का सवाल

मालेगांव विस्फोट में बरी किए गये सात आरोपियों में से एक, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने टीवी 9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में कहा कि आप सभी को पता है कि मेरे साथ क्या हुआ. आप सभी को कोर्ट के आदेश को पढ़ना चाहिए. कोर्ट ने बहुत डिटेल में आदेश दिया. उन्होंने कहा कि आपको पता है किसने किया है. मुझसे सवाल पूछने से अच्छा है कि उन लोगों से पूछा जाए जिन्होंने ये किया और क्यों किया और किसके लिए किया? आप जाइए और पूछिए उन्होंने क्यों किया और किसके लिए किया. आप को जड़ तक जाना चाहिए, मैने अभी तक किसी का नाम नहीं लिया आगे भी नहीं लूंगा.

उन्होंने कहा कि मैं पिछले 17 सालों और इस मामले के बारे में विस्तार से बात नहीं करना चाहता, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं न्यायपालिका और अपने सभी वकीलों का आभारी हूं.”

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, भाजपा नेता और पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और सुधाकर धर द्विवेदी को 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट से संबंधित मामले में बरी कर दिया. इस ब्लास्ट में छह लोगों की जान गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे. अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश करने और बिना किसी संदेह के दोष सिद्ध करने में विफल रहा.

मैं मातृभूमि का बहुत आभारी हूं

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने आगे कहा, “जब गलत लोग सत्ता में आ जाते हैं, तो राष्ट्रीय संस्थाएं दूषित हो जाती हैं. तब राष्ट्र को नुकसान होता है, हमारे जैसे लोगों को नुकसान होता है, और आम आदमी को नुकसान होता है और सेना जैसे स्वस्थ संगठन भी नुकसान उठाते हैं जब हम नुकसान उठाते हैं, तो विरोधी को लाभ मिलता है…”

उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी मातृभूमि का अत्यंत आभारी हूं कि उसने मुझे उसकी सेवा करने का अवसर दिया और अब मैं न्यायपालिका का बहुत आभारी हूं क्योंकि मैं फिर से एक स्वतंत्र व्यक्ति और एक सैन्य अधिकारी के रूप में अपने देश की सेवा कर पाऊंगा. मैं वर्दी में अपनी सेवा से परे भी सेवा में विश्वास रखता हूं, इसलिए जब भी मैं सेवानिवृत्त होऊंगा, अपनी मातृभूमि की सेवा करता रहूंगा,”

उन्होंने कहा कि सेना ने हमेशा मेरा साथ दिया है. सिपाहियों से लेकर जनरलों तक, सभी ने मुझ पर अपना स्नेह, प्यार और देखभाल बरसाई है. मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मेरी देखभाल नहीं की जा रही है. इंटेलिजेंस कोर और मेरी मूल रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री, ने परिवार के एक बच्चे की तरह मेरी देखभाल की है.”

बहुत बड़ा लगा दाग मिट गया… बोलीं अपर्णा पुरोहित

उनकी पत्नी अपर्णा पुरोहित ने कहा कि बताया, “मैं बस इतना कह सकती हूं कि मुझे राहत मिली है. मुझे लगता है कि मुझे अपने विचारों को समेटने में कुछ और समय लगेगा.”

उन्होंने कहा कि मैं बहुत रिलेक्स फील कर रही हूं. पिछले 17 वर्ष बहुत संघर्ष किया है. एक बहुत बड़ा दाग हम पर लगाया गया. निश्चित रूप से परिवार पर भी बहुत असर हुआ है. हमें गलत तरीके से फंसाया गया आर्मी ऑफिसर पर दाग लगाया गया. इस बात की खुशी है कि हम इससे बाहर आए.

2017 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित मुंबई में एक सैन्य इकाई में तैनात हैं. जब महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते ने विस्फोट के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था, तब लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में तैनात थे और आर्मी एजुकेशन कॉर्प्स ट्रेनिंग कॉलेज एंड सेंटर में अरबी भाषा का प्रशिक्षण ले रहे थे. इसके बाद उन्हें सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस की एक संपर्क इकाई में तैनात किया गया.

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