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दिल्ली/NCR

JNUTA की इमरजेंसी मीटिंग में डॉ. रोहन की सेवा समाप्ति पर विरोध तेज, VC को हटाने की मांग

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) की इमरजेंसी जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) में कुलपति की ओर से डॉ. रोहन वीएच चौधरी की सेवाएं समाप्त करने के निर्णय पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की है. बैठक में इसे बदले की भावना से लिया गया निर्णय बताया, जो बेहद कमजोर आधार पर और जेएनयू अधिनियम, विधियों व अध्यादेशों के प्रावधानों की खुली अवहेलना करते हुए किया गया है.

शिक्षकों ने कहा कि यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) का नहीं बल्कि केवल कुलपति का व्यक्तिगत निर्णय है, जिसमें उनकी निजी दुश्मनी झलकती है. ईसी की बैठक में मौजूद कुछ संकाय सदस्यों की भूमिका को भी शर्मनाक करार दिया और कहा कि उनकी चुप्पी या सहमति उन्हें अपराध में सहभागी बनाती है.

निर्णय के लिए दो-तिहाई बहुमत आवश्यक

शिक्षकों ने स्पष्ट किया कि यदि ईसी के 13 सदस्यों में से केवल दो भी यह दर्ज कर देते कि सेवा समाप्ति अनुचित है, तो यह प्रस्ताव गिर जाता क्योंकि नियमों के अनुसार ऐसे निर्णय के लिए दो-तिहाई बहुमत आवश्यक है. तीन निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपना असहमति पत्र लिखित रूप से दिया था, हालांकि उनमें से केवल एक को ही बोलने की अनुमति मिली.

शिक्षकों को डराने का संदेश

मीटिंग में शिक्षकों ने कहा कि डॉ. रोहन को निशाना बनाना केवल उनके साथ अन्याय नहीं है, बल्कि यह कुलपति द्वारा शिक्षकों को डराने का संदेश है कि यदि वे उनकी मनमानी का विरोध करेंगे तो कठोर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. प्रोन्नतियों और पुष्टि को रोकने की नीतियों के बाद अब किसी शिक्षक की सेवा समाप्ति, कुलपति द्वारा स्थापित एक खतरनाक परंपरा की नई कड़ी है.

विश्वविद्यालय का संचालन ‘वन मैन शो’

जेएनयूटीए जीबीएम ने कहा कि विश्वविद्यालय का संचालन ‘वन मैन शो’ में बदल चुका है, जहां डीन और अन्य पदों पर नियुक्तियां किसी नियम पर नहीं बल्कि कुलपति की मर्ज़ी पर आधारित हैं. डॉ. रोहन के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने वालों और ईसी बैठक में चुप रहने वालों ने यह साबित कर दिया कि वे केवल कुलपति की इच्छा पूरी करने के लिए पद पर हैं.

बैठक में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किए गए

  • शिक्षक 1 सितंबर 2025 को दोपहर 12.45 बजे प्रशासनिक ब्लॉक पर एकत्र होकर इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
  • जेएनयूटीए राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के विज़िटर को पत्र लिखकर कुलपति को पद से हटाने की मांग करेगी.
  • कुलपति और ईसी की बैठक में मौजूद डीन व अन्य सदस्यों को खुले पत्र लिखकर उनकी भूमिका के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.

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