सोनम वांगचुक की रिहाई की गुहार, पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया

पर्यावरणविद और शिक्षाविद सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने पति की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम का रुख किया है. गीतांजलि ने सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग उठाई है. 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों के बाद हिरासत में लिए जाने के बाद से जलवायु कार्यकर्ता राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, अंगमो ने 2 अक्टूबर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की.
गीतांजलि ने यह कदम सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल हस्तक्षेप की मांग के एक दिन बाद उठाया है. उन्होंने अपने पति की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है. उन्होंने अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर से भी अपील की. उन्होंने अपना पत्र एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया था.
देशद्रोही के तौर पर किया जा रहे पेश- गीतांजलि
गीतांजलि अंगमो ने पहले अपने पति की हिरासत को लेकर सरकार पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि उन्हें “देशद्रोही” के तौर पर जासूस के तहत पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा था, ‘हमारे खिलाफ एक तरह की जासूसी चल रही है. हमने सीबीआई से लेकर आयकर विभाग तक के अधिकारियों को आरोपों को स्पष्ट करने वाले सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं, फिर भी सोनम को बदनाम करने के लिए एक पर्दा डाला जा रहा है, ताकि छठी अनुसूची के आंदोलन को कमजोर किया जा सके.’
उनकी यह टिप्पणी लेह पुलिस की ओर से सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा का जिक्र और इस आरोप के बाद आई थी कि उनका पड़ोसी देश से संबंध हैं. आंग्मो ने जवाब दिया, ‘सोनम ने पाकिस्तान में एक सम्मेलन में भाग लिया था. इसमें क्या गलत है? फरवरी में संयुक्त राष्ट्र और डॉन मीडिया ने जलवायु परिवर्तन पर एक सम्मेलन आयोजित किया था…उस बैठक में कुछ भी गलत नहीं था, हालांकि उन्होंने मंच से प्रधानमंत्री मोदी के ‘मिशन लाइफ’ की तारीफ की थी.’
सोनम वांगचुक की NSA के तहत हुई गिरफ्तारी
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया और कुछ ही देर बाद जोधपुर जेल भेज दिया गया था. लेह में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद यह गिरफ्तारी हुई, जिसमें कम से कम चार लोगों की जान चली गई. इस क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में मंगलवार को कुछ घंटों के लिए ढील दी गई, जिससे लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने की अनुमति मिल गई. प्रदर्शनकारी इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. हिंसा के सिलसिले में कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.