मध्य प्रदेश में कफ सिरप त्रासदी: मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 20 पहुंचा, डिप्टी CM ने खुद की पुष्टि

मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इन 20 बच्चों की मौत दूषित कफ सिरप पीने से किडनी फेल होने के इलाज के दौरान हुई है, जिनमें से दो बच्चों की मौत पिछले 24 घंटों में हुई.
पांच बच्चों का इलाज नागपुर के अस्पतालों में चल रहा है. दो बच्चे सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH), दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और एक बच्चा एक निजी अस्पताल में भर्ती है.
नागपुर में इलाज करा रहे बच्चों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डिप्टी सीएम शुक्ला ने कहा, “अब तक मध्य प्रदेश के 20 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है…उनमें से दो की मौत पिछले 24 घंटों में हुई है.”
इन मौतों को बेहद दुखद बताते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देगी.
बच्चे की नागपुर के अस्पताल में मौत
उधर, छिंदवाड़ा के तामिया ब्लॉक के भरियाढाना गांव निवासी धनी देहरिया (2.5 साल) की सोमवार को नागपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
उसके परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि डॉक्टर द्वारा निर्धारित कफ सिरप पीने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसके गुर्दे खराब हो गए.
जिम्मेदारों पर एक्शन और जांच
डिप्टी CM शुक्ला ने बताया कि मौतों के लिए जिम्मेदार सिरप तमिलनाडु स्थित एक कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी के मालिक, दवा देने वाले डॉक्टर और संबंधित खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की गई है.
सोमवार को, राज्य सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और FDA के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया और जांच के बीच राज्य के औषधि नियंत्रक का तबादला कर दिया.
छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को कथित लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
मध्य प्रदेश पुलिस ने मौतों की जांच के लिए एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया है और कोल्ड्रिफ के तमिलनाडु स्थित निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
घर-घर जाकर कोल्ड्रिफ बोतलें इकट्ठा करने का निर्देश
छिंदवाड़ा में लगभग 600 कफ सिरप की बोतलें मिली हैं, जिनमें से 443 बोतलें पहले ही बरामद की जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर बची हुई बोतलें इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनमें से कोई भी इस्तेमाल में न रहे. उनके अनुसार, सरकार इस घटना की गहन जांच कर रही है.