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मध्यप्रदेश

इंदौर में EOW का सबसे बड़ा छापा: रिटायर्ड अधिकारी के ठिकानों पर रेड, 18.50 करोड़ की संपत्ति उजागर, कैश, सोना और चांदी का जखीरा मिला

मध्य प्रदेश लोकायुक्त विभाग ने बुधवार सुबह सेवानिवृत्त जिला आबकारी अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और अलीराजपुर स्थित ठिकानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई की. लोकायुक्त के महानिदेशक योगेश देशमुख और इंदौर के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई. कार्रवाई के दौरान धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के इंदौर स्थित कैलाशकुंज पलासिया के फ्लैट नंबर 201, 402 और 403 समेत कई स्थानों की तलाशी ली गई.

छापे में मिला ‘खजाना’

टीम को फ्लैट नंबर 201 से 1.13 लाख रुपए नकद, 4.2 किलो सोना, 7.1 किलो चांदी, वाहन, साड़ियां, घड़ियां, हथियार, परफ्यूम और अन्य महंगे सामान समेत कुल 9.66 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली. तलाशी में भूमि दस्तावेज, बीमा पॉलिसियां और तीन बैंक लॉकरों की जानकारी भी प्राप्त हुई. वहीं भदौरिया के बेटे और बेटी द्वारा करीब 2.85 करोड़ रुपए का उधार देने का एग्रीमेंट भी बरामद हुआ.

टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए

इसके अलावा, यशवंत ग्रीन स्कीम नंबर 114 स्थित फ्लैट एफ-401 में 50.32 लाख रुपए की संपत्ति और काउंटीवॉक कॉलोनी में 4700 वर्गफीट के भूखंड पर निर्माणाधीन तीन मंजिला मकान मिला, जिसकी कीमत लगभग 3.36 करोड़ रुपए आंकी गई है. बिजनेस स्कीम पार्क स्थित कार्यालयों से भी कई दस्तावेज जब्त किए गए.

18.59 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुला

वहीं, ग्वालियर स्थित पैतृक घर से 22.78 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति मिली. लोकायुक्त की जांच में कुल 18.59 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जबकि अधिकारी की अनुमानित वैध आय पूरी सेवा अवधि में लगभग 2 करोड़ रुपए बताई गई है. इस आधार पर भदौरिया के पास 829.66 प्रतिशत अनुपातहीन संपत्ति पाई गई है. लोकायुक्त द्वारा सभी संपत्तियों के दस्तावेज और साक्ष्य जब्त कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

बता दें कि धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में भर्ती हुए थे और अगस्त 2025 में रिटायर हुए. उन्होंने लंबे करियर में इंदौर में पदस्थ रहने के अलावा कुछ समय अलीराजपुर में भी कार्य किया. हालांकि विवादों के बाद वे फिर इंदौर लौट आए थे.

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