दहेज के लिए बहू को दिया ‘स्लो पॉइज़न’! ससुराल वालों ने 1 करोड़ कैश और कार की डिमांड पूरी न होने पर ली जान

उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक विवाहिता को दवाइयां देकर मौत के घाट उतारने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि ससुराल पक्ष एक करोड़ रुपये और कार की मांग पूरी न होने पर बहू को लगातार प्रताड़ित करता था. हालत बिगड़ने पर जब विवाहिता को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने पाया कि उसे जानलेवा दवाईयां दी गई थीं. मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर पति समेत पांच लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मामला थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी का है. यहां के रहने वाले बलराम अग्रवाल ने बताया कि उनकी इकलौती बेटी ज्योति अग्रवाल का विवाह 22 अप्रैल 2023 को दीपांशु मित्तल निवासी प्रतापपुर, नानकमत्ता के साथ बड़ी धूमधाम से किया गया था.
शादी में परिवार ने हैसियत के अनुसार 51 लाख रुपये नकद, एक इनोवा कार, करीब 15 लाख के जेवरात और गृहस्थी का सामान दिया था, लेकिन विवाह के कुछ माह बाद ही पति दीपांशु मित्तल, सास इंदु मित्तल, ससुर सुनील मित्तल, ननद डॉ. दिव्यांशी मित्तल और जेठ हिमांशु मित्तल द्वारा एक करोड़ रुपये और फॉर्च्यूनर कार की मांग की जाने लगी.
बेटी होने पर ताने और जबरन गर्भपात
शिकायत कर्ता ने बताया कि शादी के बाद ज्योति ने एक बेटी को जन्म दिया. इसके बाद ससुराल पक्ष उसे ‘बेटा न होने’ का ताना देने लगा. आरोप है कि जब ज्योति दोबारा गर्भवती हुई तो ससुरालियों ने अवैध लिंग परीक्षण कराया, और बेटी होने की संभावना जानकर जबरन गर्भपात करवा दिया. गर्भपात के बाद से ही उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई.
नशा करने का झूठा आरोप
बलराम अग्रवाल के अनुसार, 4 जुलाई 2025 को ससुराल पक्ष ने फोन कर बताया कि ज्योति ‘नशा करती है’ और उसे नोएडा के नशा मुक्ति केंद्र ले जाया जा रहा है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ी-लिखी, सुलझी हुई और संस्कारी थी- ऐसे आरोप असंभव थे. जब बेटी को नोएडा अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने बताया कि ज्योति नशा नहीं करती थी, बल्कि उसे गलत दवाइयां देने से ब्रेन ब्लीडिंग हुई है. इसके बाद 11 जुलाई को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
ननद पर लगा साजिश रचने का आरोप
मृतका की ननद डॉ. दिव्यांशी गोयल, जो रुद्रपुर जिला अस्पताल में कार्यरत हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने ही गर्भपात कराने की साजिश रची थी. मायके पक्ष का कहना है कि ससुराली लगातार बेटी की बीमारी को ‘मनोवैज्ञानिक समस्या’ बताकर उन्हें गुमराह करते रहे, जबकि सच्चाई छिपाई गई.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
मामले में तहरीर के आधार पर पति, सास, ससुर, ननद और जेठ के खिलाफ दहेज हत्या, लिंग परीक्षण और गर्भपात संबंधी धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला दहेज मांग और लिंग परीक्षण की पुष्टि हुई है. फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.






