अलवर मंडी में प्याज कौड़ियों के भाव! किसानों को लागत निकालना हुआ मुश्किल, 200 रुपए क्विंटल के दाम से किसान परेशान

देश में नासिक के बाद प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी अलवर मंडी को माना जाता है. यहां से देश के अलावा अन्य विदेशों में भी प्याज की सप्लाई होती है. अलवर की प्याज स्वाद में अच्छी होती है, इसलिए इसलिए यहां की प्याज की डिमांड भी खूब रहती है. इस बार प्याज किसानों को रुला रही है. किसानों को प्याज के दाम नहीं मिल रहे है. मंडी में प्याज की आवक शुरू हुई है, लेकिन किसानों के पसीने छूट रहे हैं. दाम इतने कम है कि फसल बुवाई का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. किसान हताश और निराश होकर कर मंडी पहुंच रहे हैं. उनको डर है कि अगर यही हाल रहा तो उनका कर्ज कैसे चूकेगा.
राज्य के अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली सहित आसपास क्षेत्र में प्याज की पैदावार होती है. इस बार अलवर क्षेत्र में 60 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्याज की बुवाई की गई थी. बीते साल किसान को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. इसलिए इस साल किसान ने प्याज की ज्यादा पैदावार की है. बारिश के चलते प्याज की फसल खराब हो गई थी, जिन किसानों ने प्याज की फसल की पहले बुवाई की थी उन किसानों की प्याज अब मंडी में पहुंचने लगी है. किसानों को प्याज के बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. मंडी में प्याज 200 रुपए से 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. एक बीघा प्याज की फसल की बुवाई में 50 से 65 हजार रुपए का खर्चा आता है. किसान ब्याज पर पैसे लेकर फसल की बुवाई करता है. यही वजह है कि किसान को डर है कि दाम इतने कम हैं, ऐसे में कर्ज कैसे चुकता होगा.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
मंडी विशेषज्ञ ने बताया कि मार्केट में अभी कर्नाटक, नासिक, महाराष्ट्र की प्याज बिक रही है. उसका ही बाजार में स्टॉक है. अलवर की प्याज की डिमांड बाजार में नहीं है. किसानों को बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं. अलवर की प्याज में नमी रहती है, इसलिए अलवर की प्याज को किसान स्टॉक नहीं कर सकता है. यह प्याज सीधे मंडी में आती है और मंडी से ही देशभर के खरीददार प्याज को खरीद कर अलग-अलग शहरों में सप्लाई करते हैं. लेकिन दाम कम होने की वजह से किसानों की हालात खराब है.
इन राज्यों के प्याज की बढ़ी डिमांड
महाराष्ट्र व कर्नाटक में प्याज की फसल की पैदावार इस बार बेहतर हुई है. वहां की प्याज मोटी व अच्छी होती है. इसलिए मंडी में उसकी डिमांड ज्यादा रहती है. नासिक सबसे बड़ी मंडी है और नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है.






