ब्रेकिंग
हांसी में शामिल होंगे इस विधानसभी क्षेत्र के 110 गांव, CM सैनी ने किया ऐलान.... लुवास पलवल में खोलेगा पशु विज्ञान केंद्र, किसानों व पशुपालकों को होगा फायदा हरियाणा: सड़कों से हटेंगे खतरनाक साबित हो रहे बिजली के पोल, संबंधित विभागों से वसूला जाएगा खर्चा हांसी में स्कूटी की बैटरी फटने के कारण घर में लगी भीषण आग, पति की मौत...पत्नी व बच्चे झुलसे चार बच्चों की हत्यारोपी पूनम जज से बोली- लड़ना चाहती हूं मुकदमा...पति और सास से मिल्ने की जाहिर की इ... इस जिले में 2500 करोड़ रुपये खर्च कर बिछाई जाएगी 104 किमी लंबी रेलवे लाइन, सफर हो जाएगा आसान आजाद हिंद एक्सप्रेस में आग लगने से मचा हड़कंप, चेन पुलिंग कर रोकी ट्रेन भाजयुमो जिला अध्यक्षों की घोषणा जल्द, प्रदेश के सभी संभागों से सौंपा गया तीन-तीन नामों का पैनल सूरजपुर में एक करोड़ से ज्यादा का 3513 क्विंटल धान जब्त नेशनल हेराल्ड मामला: ईडी को झटका, कांग्रेस ने रायपुर में भाजपा कार्यालय का किया घेराव
गुजरात

नोएडा की सड़कों पर ‘मौत’ का सफर! 2,000 किमी तक न लेन मार्किंग, न साइन बोर्ड; हादसों को खुला न्योता

गुजरात हाईकोर्ट ने मुस्लिम वक्फ संस्थाओं की याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें कोर्ट फीस में छूट की मांग की गई थी. मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वक्फ ट्रिब्यूनल में दायर याचिकाओं पर गुजरात कोर्ट फीस अधिनियम, 2004 लागू होगा. ये मामले सिविल कोर्ट की तरह ही देखे जाएंगे. अब मुस्लिम वक्फ को दूसरे धार्मिक ट्रस्टों या चैरिटेबल संस्थाओं के बराबर माना जाएगा.

कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब से मुस्लिम वक्फ बोर्ड और उससे जुड़ी संस्थाओं को दूसरे धार्मिक ट्रस्टों की तरह कोर्ट फीस देनी होगी. इसके साथ ही, हाई कोर्ट ने एक साथ वक्फ की करीब 150 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. लोगों का मानना है कि यह फैसला कानूनी प्रक्रिया में समानता स्थापित करता है, पुराने मुकदमों के निपटारे में तेजी लाएगा.

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि कानून की नजर में कोई भी पक्ष प्रक्रिया से ऊपर नहीं हो सकता है. इसलिए जो नियम हिंदू धार्मिक ट्रस्टों पर लागू होते हैं, वही नियम अब वक्फ पर भी समान रूप से लागू होंगे. अभी तक पुराने वक्फ को कोर्ट फीस में छूट मिला करती थी. हालांकि अब इसे खत्म कर दिया गया है.

अब वक्फ को भी लगेगी फीस

देशभर में वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख 40 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन मौजूद है. इनका प्रबंधन राज्यों में बनाई गई वक्फ कमेटियां किया करती हैं. कोर्ट ने इस निर्णय के ज़रिये सभी धार्मिक ट्रस्टों के लिए कानूनी प्रक्रिया में समानता स्थापित करने की बात कही है. मतलब साफ है कि अब सभी धर्मों के समान वक्फ को भी कोर्ट की फीस को भरना होगा.

अब जल्द होगा केसों का निपटरा

गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले पर डिप्टी सीएम हर्ष संघवी ने खुशी जाहिर की है, इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अब तक फीस न लेने के कारण पेंडिंग केस बढ़ते जा रहे थे. अब केस कम आएंगे तो पेडिंग केसों का निपटारा जल्द से जल्द होगा.

Related Articles

Back to top button