धमतरी में भव्य सतनाम संदेश शोभायात्रा, गुरु घासीदास बाबा जयंती पर निकाली गई भव्य यात्रा

धमतरी: छत्तीसगढ़ के महान मार्गदर्शक, समाज सुधारक और मानवता के प्रतीक बाबा गुरु घासीदास की जयंती को सतनामी समाज बड़े ही धूमधाम से मना रहा है. धमतरी में एक दिन पूर्व 17 दिसंबर को भव्य सतनाम सन्देश शोभायात्रा यात्रा का आयोजन किया गया. प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सतनामी समाज के लोग बड़ी संख्या में शोभायात्रा में शामिल हुए.
शहर के इन जगहों से गुजरी सतनाम संदेश शोभायात्रा
सतनाम संदेश शोभायात्रा शहर के घड़ी चौक से होते हुए गोल बाजार, सदर बाजार से होकर विंध्यवासिनी मंदिर के पास संपन्न हुआ. इस दौरान डीजे और धूमाल पर समाजजन झूमते और नाचते नजर आए. शहर के अलग-अलग वार्डो से शोभायात्रा निकालकर घड़ी चौक पहुंचा जहां से सभी एक साथ एकत्रित होकर शोभायात्रा को भव्य बनाया. शोभायात्रा का विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया.
बाबा गुरु घासीदास का संदेश
समाजजनों ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास का जीवन सत्य, अहिंसा, समता और करुणा के मूल्यों पर आधारित रहा है. उन्होंने समाज को अंधविश्वास, भेदभाव और असमानता से मुक्त करने का कार्य किया. बाबा का अमर संदेश मनखे-मनखे एक समान आज भी सामाजिक एकता, भाईचारे और न्याय की सशक्त प्रेरणा देता है, जो वर्तमान समय में और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है.
समाज के हर वर्ग तक बाबा का संदेश पहुंचाना उद्देश्य
समाज के लोगों ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने समाज को केवल उपदेश ही नहीं दिए, बल्कि अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत किया. उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही एक समतामूलक, शिक्षित और जागरूक समाज का निर्माण संभव है. समाजजनों ने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशामुक्ति, शिक्षा, सामाजिक सद्भाव और नैतिक मूल्यों को अपनाते हुए समाज के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएं.
सतनामी समाज ने गुरु घासीदास जयंती पर सतनाम संदेश यात्रा निकाली. सभी वार्डो में ये संदेश यात्रा निकाली गई. समाज को एकजुट रखना इस यात्रा का उद्देश्य है- विनोद डिंडोलकर, सतनामी समाज
सतनामी समाज युवाओं ने कहा कि निरंतर बाबा गुरु घासीदास के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने, सामाजिक जागरूकता फैलाने और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है. संगठन द्वारा समय-समय पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समरसता और युवा सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे.






