“रेबीज वैक्सीन पर ग्लोबल रार”: ऑस्ट्रेलिया की ‘नकली वैक्सीन’ वाली चेतावनी से हड़कंप; भारतीय कंपनी ने आरोपों को बताया निराधार

ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीन के लिए काम करने वाली संस्था ऑस्ट्रेलियन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (ATAGI) ने भारतीय रेबीज की वैक्सीन को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि भारत में मिल नकली रेबीज वैक्सीन मिल रही है. . ये एडवाइजरी खास तौर पर Abhayrab ब्रांड के लिए जारी की गई है. इसके बाद से विवाद गहरा गया है. वैक्सीन को बनाने वाली IIL कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई है.
IIL का कहना है कि ATAGI की सलाह में यह संकेत दिया गया है कि 1 नवंबर 2023 के बाद भारत में लगाई गई Abhayrab® वैक्सीन को अमान्य माना जाए, जिससे आम लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों में भ्रम फैल रहा है. कंपनी के मुताबिक, यह एडवाइजरी जरूरत से ज्यादा सामान्य है. इससे वैक्सीन पर भरोसा कमजोर पड़ सकता है.
एक बैच का मामला, पूरी वैक्सीन पर सवाल
कंपनी ने साफ किया है कि विवाद की जड़ Abhayrab® के सिर्फ एक बैच (KA24014) से जुड़ा नकली वैक्सीन का मामला है. इसकी पहचान IIL ने जनवरी 2025 में की थी और तुरंत भारत के ड्रग रेगुलेटर CDSCO को इसकी जानकारी दी गई थी. इसके बाद दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोल विभाग ने मार्च 2025 में उसी बैच को लेकर एडवाइजरी जारी की थी.
IIL का दावा है कि इस बैच को लेकर कोई मार्केट शिकायत सामने नहीं आई. इसके अलावा किसी अन्य बैच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई.
25 सालों से हो रहा वैक्सीन का इस्तेमाल
कंपनी के अनुसार, Abhayrab® एंटी-रेबीज वैक्सीन पिछले 25 वर्षों से इस्तेमाल में है. WHO-GMP मानकों के तहत इसका निर्माण किया जाता है. अब तक 21 करोड़ से अधिक डोज भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सप्लाई की जा चुकी हैं. भारत में यह वैक्सीन करीब 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है.
IIL ने कंपनी से की स्पष्ट एडवाइजरी की मांग
IIL ने ATAGI से मांग की है कि वह अपनी एडवाइजरी में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करे कि नकली वैक्सीन की घटना सिर्फ एक तय बैच तक सीमित थी. कंपनी का कहना है कि ऐसा न होने पर डॉक्टरों और आम लोगों में अनावश्यक डर पैदा होगा और वैक्सीनेशन कार्यक्रमों पर असर पड़ सकता है.
कंपनी का तर्क है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन सप्लायर है और किसी एक बैच की समस्या को पूरी वैक्सीन से जोड़ना पब्लिक हेल्थ के हित में नहीं है. IIL ने ATAGI से अपील की है कि वह अपनी गाइडलाइन की समीक्षा कर स्थिति स्पष्ट करें, ताकि वैक्सीन पर भरोसा बना रहे.






