रीवा: रीवा में एक हफ्ते के अंदर चार बार टाइम बम मिले हैं इस मामले को लेकर पुलिस भी हैरान है। इस बार मऊगंज में नेशनल हाइवे-30 के नीचे बम मिला है और इसका डिजाइन भी अलग है। बम के पास एक पत्र भी मिला है, जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का जिक्र है। रीवा SP नवनीत भसीन ने बम किसने रखा इस बारे में जानकारी देने वाले को 10 हजार का इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि कि मुखबिर का नाम और पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।
मऊगंज में नेशनल हाइवे 30 पर बने ओवर ब्रिज के नीचे एक बार फिर कथित टाइम बम की सूचना से हड़कंप मचा है। बम के पास मिले खत में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का जिक्र है। एक सप्ताह के भीतर टाइम बम मिलने की ये चौथी घटना है। मौके पर पुलिस बल तैनात है। हाइवे का रूट पूरी तरह से डाइवर्ट कर दिया गया है। बम स्क्वॉड की टीम भी मौके पर मौजूद है, जोकि बम डिफ्यूज करने का प्रयास कर रही है
रीवा में एक बार मिला कथित टाइम बम लगातार बम मिलने की घटना से पुलिस भी हैरान है। बीते एक सप्ताह में टाइम बम मिलने की ये चौथी घटना है। पुलिस के हाथ अब भी खाली है। इसके पीछे किसका हाथ है इसका पता अब तक नहीं लग सका है। एक सप्ताह पहले सोहागी थाना क्षेत्र स्थित देर रात एक ओवर ब्रिज के नीचे मिले कथित टाइम बम से पूरे जिले में सनसनी फैल गई थी। देर रात मौके पर पहुंचकर बम स्क्वॉड की टीम ने बम को डिफ्यूज किया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी। वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के पहले ही 2 घंटे के अन्तराल में दो ओवर ब्रिज के नीचे बम मिलने की खबर ने लोगों को सख्ते में डाल दिया था
एक हफ्ते में चार बार बम मिलने से सनसनी
गणतंत्र दिवस की सुबह पहले तो मनगवां ओवर ब्रिज के नीचे टाइम बम होने की सूचना मिली थी, उसके एक घंटे के बाद कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर गंगेव चौकी अंतर्गत एक अन्य ओवर ब्रिज के नीचे टाइम बम रखा मिला था, जिसके बाद बम स्क्वॉड की टीम ने उसे निष्क्रिय कर राहत की सांस ली थी। अब एक बार फिर जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र स्थित एक ओवर ब्रिज के नीचे टाइम बम मिलने से हड़कंप मचा है।
बम के पास मिले ख़त में यूपी के सीएम का जिक्र
बम के पास में भी पुलिस ने एक खत भी मिला है, जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ का जिक्र किया गया है। इस बार मिले कथित टाइम बम का डिजाइन ही अलग है और पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। इसके पीछा किसका हाथ है और इसे कौन ओवर ब्रिज के नीचे प्लांट कर रहा है। इसका पता भी नहीं चल पाया है।