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ट्रंप ने ईरान पर हमले को दी मंजूरी, फिलहाल चर्चा के बाद रोका अभियान

मास्कोः राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के उसके टोही विमान को मार गिराने के बाद कई ठिकानों पर हमले को मंजूरी प्रदान करने के बाद अपने फैसले को पलटते हुए अभियान को फिलहाल रोक देने का आदेश दिया है। एक समाचार पत्र ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया ड्रोन विमान पर हमले के जवाब में ट्रंप ने ईरान के रडार और मिसाइल ठिकानों पर हमले को मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ गहन चर्चा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने फिलहाल अभियान रोक देने का आदेश दिया। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि अमेरिकी लड़ाकू विमान और युद्धपोत ईरान पर मिसाइल से हमला करने के लिए तैयार थे लेकिन अंतिम समय पर अभियान को रोक देने का आदेश आया।

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्डस कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया है कि उसने गुरुवार को एक अमेरिकी खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराया है। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ट्रंप ने अमेरिका के खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराने के ईरान के दावे के बाद ट्वीट किया था, ‘‘ ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी पर रुस ने आगाह किया है कि यदि ईरान पर हमला किया गया तो ऐसी तबाही मचेगी कि उस नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल होगा। अमेरिका ने उसके ड्रोन विमान को मार गिराये जाने की ईरान की कार्रवाई को अकारण हमला करार दिया है। उधर ईरान का कहना है कि अमेरिकी ड्रोन विमान उसके वायु सीमा क्षेत्र में घुस आया था।

अमेरिकी खुफिया ड्रोन की पहचान आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक के रुप में की गयी है। आरक्यू-4 आम तौर पर अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरता है। ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हुए हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। गौरतलब है कि ओमान की खाड़ी में पिछले गुरुवार को होरमुज जलडमरुमध्य के नजदीक दो तेल टैंकरों अल्टेयर और कोकुका करेजियस में विस्फोट किया गया था। ईरान और अरब के खाड़ी देशों के जल क्षेत्र में हुए इस हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। श्री पोम्पियो के मुताबिक अमेरिका ने खुफिया जानकारी के आधार पर ये आरोप लगाए हैं। अमेरिकी सेना ने अपने दावे के पक्ष में एक वीडियो जारी किया है जिसमें ईरानी सुरक्षाबल एक टैंकर से विस्फोटक हटाते हुए दिख रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्रलय ने ईरानी सेना के रिवोल्यूशनरी गार्डस कॉर्प्स को ओमान की खाड़ी में तेल के टैंकरों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा है कि अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब उसके खिलाफ अभियान चलाकर तेल टैंकरों पर हुए हमलों के झूठे आरोप लगाने का प्रयास कर रहे हैं। रुस के उपविदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने जांच से पूर्व ईरान पर आरोप लगाने वाले देशों को चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गये हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रुस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।

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