मुज़फ्फ़रपुर: SKMCH अस्पताल के पीछे मिले मानव कंकाल

इन दिनों लगातार बदहाली और खराब व्यवस्था को लेकर विवा’दों में रहा SKMCH के पीछे Human skeletal मिलने की खबर आई है।
आपको बता दें ये बिहार के उन्ही मुख्य अस्पतालों में से एक है जहां चमकी बुखार से पी’ड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है। अब तक चमकी बुखार से म’रने वाले बच्चों की संख्या 150 पार कर चुकी है।
मानव कं’काल मिलने पर श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के MS, SK Shahi ने कहा है कि इस मामले में जां’च कमिटी का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा- ‘”पोस्ट’मॉर्टम डिपार्टमेंट प्रिंसिपल के अधीन है लेकिन इसकी जां’च मानवीय दृष्टिकोण के साथ की जानी चाहिए। मैं प्रिंसिपल से बात करूंगा और उनसे एक जांच समिति गठित करने के लिए कहूंगा।”
SKMCH की व्यवस्था पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं, कुछ दिन पहले ही ये खबर आई थी कि अस्पताल में बिजली व्यवस्था की हालत ख’राब है।
मुजफ्फरपुर में Chamki बुखार (Acute Encephalitis Syndrome) कह’र तो बरसा ही रहा है लेकिन इसके साथ व्यवस्था की बद’इंतजामी भी देखने के लिए मिल रही है।
मरीजों के परिजनों ने लगातार बदइं’तजामी की शिकायत की है।
मुज़फ़्फ़रपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में मरीजों और उनके परिजनों ने लगातार बिजली कटौती की शिका’यत की।
मरीजों के परिजनों का कहना है -‘यहां अक्सर बिजली कटौती होती है। कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, हम हाथ से चलने वाले पंखे का उपयोग करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बच्चे गर्मी के कारण रो रहे हैं।”
चमकी बुखार से पूरे बिहार के लोग त्र’स्त हैं। अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी पड़ी है। ऐसे में पीड़ि’तों के परिजनों ने अस्पताल पर बदइं’तजामी का आ’रोप लगाया है।
मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अपने बच्चों के साथ आए लोगों का कहना है कि उनके बच्चे बुखार से पी’ड़ित हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरो’प लगाया कि उन्हें कभी कोई ORS नहीं दिया गया था।
परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा- ‘किसी ने हमें ORS के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। हम AES के लक्षणों को नहीं जानते हैं। हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से जल रहे हैं। डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयाँ लाने के लिए कहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर बुखार दवा के बाद नहीं जाता है तब वो हमारे बच्चों को भर्ती करेंगे। हमारे पास पैसे भी नहीं है।’