पुलवामा हमला: समंदर से भी अटैक की तैयारी में थी भारतीय सेना

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना भी पूरी तरह तैयार थी। नौसेना ने समंदर के अंदर पाकिस्तान की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तानी जल सीमा के पास अपनी पनडुब्बी सहित अस्त्र-शस्त्र तैनात कर दिए थे।
भारत की ओर से तैनाती देख पाकिस्तान को ऐसा आभास हो रहा था कि भारत आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा में किए गए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए अपनी नौसेना को आदेश दे सकता है। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत-पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था। लेकिन भारतीय वायुसेना ने बालाकोट स्थित जैश के ठिकानों पर हवाई हमला किया तो पाकिस्तान ने अपनी आधुनिक माने जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन-पीएनएस को पाकिस्तानी जलीय क्षेत्र से हटा लिया था।
पीएनएस साद में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन लगा होता है, जोकि एक ऐसी तकनीक है, जिससे पनडुब्बी आम पनडुब्बी के मुकाबले अधिक समय तक पानी में रह सकती है। इस पनडुब्बी की तलाश के लिए पूरी भारतीय नौसेना जुट गई थी।
सूत्रों के अनुसार, “कराजी के पास स्थान जहां से पीएनएस साद गायब हुई, वहां से वह तीन दिनों में गुजरात तट और पांच दिनों के भीतर मुंबई में पश्चिमी बेड़े के मुख्यालय तक पहुंच सकती है। जिससे देश की सुरक्षा के लिए काफी बड़ा खतरा दिख रहा था। पनडुब्बी रोधी विशेष युद्धपोत और विमान लापता पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाश में मदद लिए तैनात किए गए।
करीब 21 दिनों तक चली तलाश के बाद भारतीय सेना को पता चला कि पीएनएस साद पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में है। इसे वहां छुपने के लिए भेजा गया था। सूत्रों का कहना है कि नौसेना ने अरब सागर, विशेष रूप से पाकिस्तानी जल की पूरी निगरानी की, और इस क्षेत्र में पाकिस्तान की नौसैनिक गतिविधियों पर भी नजर रखी। तनाव बढ़ने पर नौसेना ने 60 से अधिक युद्धपोतों को तैनात किया था, जिसमें विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य भी शामिल था।