किसान आंदोलन पर PM मोदी के ‘मन की बात’, नए कानून से किसानों को मिले कई अधिकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानून पर किसानों के आंदोलन के बीच मन की बात कार्यक्रम में कहा कि इससे अन्नदाता को फायदा ही होगा। किसानों को कई अधिकार मिलेंगे। उनकी कई परेशानियां दूर होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि में नए आयाम जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा भारत को लौटाने पर कनाडा सरकार का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि अन्नपूर्णा की प्रतिमा का काशी से विशेष संबंध है। अब, उनकी प्रतिमा का, वापस आना, हम सभी के लिए सुखद है। पीएम मोदी ने कहा कि माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की वापसी के साथ, एक संयोग ये भी जुड़ा है, कि, कुछ दिन पूर्व ही World Heritage Week मनाया गया है।
किसानों पर बोले पीएम मोदी
- काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया जिनसे न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और नए अवसर भी मिले हैं।
- किसानों की सालों पुरानी मांग पूरी हुई। फसल खरीदने पर 3 दिन के अंदर भुगतान होगा। भुगतान नहीं मिलने पर शिकायत भी कर सकते हैं।
- कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एस.डी.एम(SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा।
- अब, जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो, उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।
- भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं।
- कृषि की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी गांवों में जाकर किसानों को कृषि सुधारों के बारे में बताएं।
मन की बात के प्रमुख अंश
- आज देश में कई museums और libraries अपने collection को पूरी तरह से digital बनाने पर काम कर रहे हैं। अब, आप, घर बैठे दिल्ली के National Museum galleries का tour कर पाएंगे।
- दिल्ली में, हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं। राष्ट्रीय संग्राहलय द्वारा करीब दस virtual galleries, introduce करने की दिशा में काम चल रहा है – है न मजेदार !”
- 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
- “गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है – “सेवक को सेवा बन आई”, यानी, सेवक का काम, सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला। गुरु साहिब ने हमसे सेवा ली।
- पिछले साल नवंबर में ही करतारपुर साहिब corridor का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। इस बात को मैं जीवनभर अपने हृदय में संजो कर रखूंगा। यह, हम सभी का सौभाग्य है कि हमें श्री दरबार साहिब की सेवा करने का एक और अवसर मिला।
- भारत में भी, बहुत-सी Bird watching society सक्रिय हैं। आप भी, जरूर, इस विषय के साथ जुड़िये।”
- मैं, हमेशा से Bird watching के शौकीन लोगों का प्रशंसक रहा हूं। बहुत धैर्य के साथ, वो, घंटों तक, सुबह से शाम तक, Bird watching कर सकते हैं, प्रकृति के अनूठे नजारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं, और, अपने ज्ञान को हम लोगों तक भी पहुंचाते रहते हैं।
- मेरी भागदौड़ की ज़िन्दगी में, मुझे भी, पिछले दिनों केवड़िया में, पक्षियों के साथ, समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला। पक्षियों के साथ बिताया हुआ समय, आपको, प्रकृति से भी जोड़ेगा, और, पर्यावरण के लिए भी प्रेरणा देगा।
- न्यूजीलैंड में नवनिर्वाचित एम.पी. डॉ. गौरव शर्मा ने विश्व की प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा में शपथ ली है। ‘मन की बात’ के माध्यम से गौरव शर्मा जी को शुभकामनाएं। हम सभी की कामना है, वो, न्यूजीलैंड के लोगों की सेवा में नई उपलब्धियां प्राप्त करें।”
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को आकाशावाणी रेडियो के जरिए सुबह 11 बजे देशवासियों से रू-ब-रू होते हैं और देश के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
पीएम मोदी से मिलकर वैज्ञानिक हुए खुश
पीएम मोदी के अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के दौरे पर वैज्ञानिकों ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री ने उनके साथ मुलाकात कर उनके साहस को बढ़ाया और टीका विकास के इस महत्वपूर्ण चरण में उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिए उत्साहवर्धन किया। बयान में बताया गया, ‘‘प्रधानमंत्री को इस बात से गौरव हुआ कि भारत का स्वदेशी टीका विकास इतनी तेजी से आगे बढ़ा है। पीएम मोदी ने जोर दिया कि भारत टीका को न केवल अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानता है बल्कि वैश्विक स्तर पर बेहतरी के लिए भी इसे जरूरी समझता है और वायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में यह भारत का दायित्य है कि वह अपने पड़ोसी देशों सहित अन्य देशों का भी सहयोग करे।