ब्रेकिंग
पत्नी ने पति की आंखों में दवाई डाली फिर बेडरूम में किलर को भेज बाहर उसकी मौत का इंतजार करने लगी झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर चलती गाड़ी में लगी आग, 8 लोग झुलसे, हालत गंभीर सफेद धुएं के बीच दूल्हा-दुल्हन की हुई रॉयल एंट्री, पास में खड़ी बच्ची की सिकुड़ने लगी नसें, स्मोक से... जीजा-साली रोज मना रहे थे रंगरेलियां, पति जान गया राज तो… डेढ़ साल बाद सुलझी मर्डर मिस्ट्री 2020 में की थी कोर्ट मैरिज, 5 साल बाद दूसरी शादी करने जा रहा था युवक, फिर पहली पत्नी ने जो किया… दूल्हे ने अचानक पकड़ा साली का हाथ, बोला- चल मेरे पैरों में… मच गया हंगामा, बिन दुल्हन लौटी बारात सीजफायर के बाद अब बयान से पलट रही है पाकिस्तानी सेना, भारत के DGMO खोल चुके हैं पोल-पट्टी Google ‘चोरी-छिपे’ चुरा रहा था आपका डेटा, अब लगा 11740 करोड़ का जुर्माना ज्येष्ठ माह की पहली संकष्टी चतुर्थी कब है, जानें सही तिथि और पूजा नियम गर्मी में एथनिक आउटफिट पहनते हुए न करें ये गलतियां, लुक हो जाएगा खराब
देश

लोकसभा और राज्यसभा में पास हुआ जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन 6 महीने बढ़ाने का प्रस्ताव

जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के बाद वहां की परेशानियों का जायजा लेकर लौटे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा और राज्यसभा में कुछ प्रस्ताव रखे थे। जो कि दोनो सदनों में पास हो गए हैं। राज्यसभा ने 3 जुलाई 2019 से 6 महीने की आगे की अवधि के लिए जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने के लिए वैधानिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 भी पारित कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मियाद बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो गया है।

लोकसभा के बाद राज्यसभा में इस बिल पर अपनी बात रखते हुए अमित शाह ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़े तथ्य सदन में रखने पर विपक्ष के आपत्ति करने पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘मनोज झा जी और गुलाम नबी आजाद जी ने बड़ी आपत्ति जाहिर की कि हम नेहरू जी के बारे में देश की जनता में कुछ गलत विचार खड़ा करना चाहते हैं। ये ठीक सोच नहीं है। हम नेहरू जी के बारे में कोई गलत विचार खड़ा करना नहीं चाहते है और न जनता को गुमराह करना चाहते हैं। परन्तु एक बात है कि इतिहास की भूलों से जो देश नहीं सीखते हैं उनका भविष्य अच्छा नहीं होता है। इतिहस की भूलों की चर्चा होनी चाहिए, और इतिहास की भूलों से सीखना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button