Breaking
लगातार आ रही हैं बाधाएं और परेशानियां करें कालाष्टमी का व्रत सुलझेगी तमाम समस्याएं ऑनलाइन मिले दोस्त की पत्नी को मारने के लिए अमेरिकी महिला ने हायर किया हिटमैन गिरफ्तार पाम बेलाजियो में युवती की आठवीं मंजिल से गिरकर हुई थी मौत क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच मालवाहक वाहन ने बाइक काे टक्कर मारी महिला की मौत दो घायल आषाढ़ मास में रखें योगिनी एकादशी का व्रत पूजा के दौरान क्या करें क्या ना करें कांग्रेस का चुनावी लक्ष्य तय संभागीय सम्मेलन में निकला 75 पार का नारा अतिक्रमण से नाले संकरे सफाई भी नहीं हुई वर्षा में फिर होगा जलभराव इस रत्न को धारण करने से होता है बड़ा धन लाभ जानें धारण करने की विधि WTC Final के लिए ऑस्ट्रेलिया ने चली बड़ी चाल इस घातक गेंदबाज की टीम में जगह हुई पक्की WTC Final Day 2: दूसरे दिन लंच टाइम तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर बनाये 422 रन

सीबीआई ने यूपी पीएफ घोटाले में केंद्रीय बिजली सचिव, कृषि सचिव की जांच के लिए मंजूरी मांगी

नई दिल्ली | केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार और कृषि सचिव संजय अग्रवाल को जल्द ही उनके कैडर राज्य उत्तर प्रदेश में वापस भेजा जा सकता है, जहां सीबीआई ने 2,268 करोड़ रुपये के पीएफ घोटाले में उनकी जांच के लिए मंजूरी मांगी है। ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है।

रिपोटरें में कहा गया है कि उनके प्रत्यावर्तन का आदेश किसी भी समय आ सकता है क्योंकि केंद्र सरकार अपने शीर्ष अधिकारियों की भ्रष्टाचार के लिए जांच कराने की शमिर्ंदगी का सामना नहीं करना चाहती है। इसलिए सरकार कार्रवाई को राज्य में स्थानांतरित करना चाहती है।

रिपोटरे के अनुसार, सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि को एक निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में अवैध रूप से निवेश करने से संबंधित मामले में दो अधिकारियों की जांच के लिए मंजूरी मांगी है। बाद में फर्जी कंपनियों के जाल के जरिए 31,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।

यूपीपीसीएल ने डीएचएफएल की अल्पकालिक सावधि जमा योजनाओं में कुल 4,122 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 1,854 करोड़ रुपये एफडी की परिपक्वता पर प्राप्त हुए, लेकिन 2,268 करोड़ रुपये अभी वसूल नहीं हुए हैं।

संजय अग्रवाल 2013 से 2017 के मध्य तक यूपीपीसीएल के अध्यक्ष थे और इस अवधि के दौरान यूपीपीसीएल कर्मचारियों के पीएफ पैसे का कुछ हिस्सा डीएचएफएल में निवेश किया गया था। डीएचएफएल में निवेश सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन था जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि पीएफ का पैसा किसी वित्तीय संस्थान में निवेश नहीं किया जाना चाहिए जो कि अनुसूचित बैंक नहीं है। अग्रवाल यूपीपीसीएल में आलोक कुमार द्वारा सफल हुए, जिन्होंने डीएचएफएल में निवेश जारी रखा। रिपोर्ट में कहा गया कि कुमार लगभग दो साल तक यूपीपीसीएल के शीर्ष पर रहे।

लगातार आ रही हैं बाधाएं और परेशानियां करें कालाष्टमी का व्रत सुलझेगी तमाम समस्याएं     |     ऑनलाइन मिले दोस्त की पत्नी को मारने के लिए अमेरिकी महिला ने हायर किया हिटमैन गिरफ्तार     |     पाम बेलाजियो में युवती की आठवीं मंजिल से गिरकर हुई थी मौत क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच     |     मालवाहक वाहन ने बाइक काे टक्कर मारी महिला की मौत दो घायल     |     आषाढ़ मास में रखें योगिनी एकादशी का व्रत पूजा के दौरान क्या करें क्या ना करें     |     कांग्रेस का चुनावी लक्ष्य तय संभागीय सम्मेलन में निकला 75 पार का नारा     |     अतिक्रमण से नाले संकरे सफाई भी नहीं हुई वर्षा में फिर होगा जलभराव     |     इस रत्न को धारण करने से होता है बड़ा धन लाभ जानें धारण करने की विधि     |     WTC Final के लिए ऑस्ट्रेलिया ने चली बड़ी चाल इस घातक गेंदबाज की टीम में जगह हुई पक्की     |     WTC Final Day 2: दूसरे दिन लंच टाइम तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर बनाये 422 रन     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 8860606201