ब्रेकिंग
अरावली पहाड़ियों के लिए डेथ वारंट जैसा कदम… पर्यावरण के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा दहशत का मंजर! भावनगर लैब में लगी आग से हड़कंप, मरीजों को खिड़कियों से बाहर निकाला गया, दमकल ने मोर्च... IAS दूल्हे और IPS दुल्हनिया की शाही, लेकिन सादगी भरी शादी: इस खास बात ने जीता सबका दिल, सोशल मीडिया ... लाखों का सामान गायब! दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर लगा डिवाइडर बैरियर चोरी, पुलिस ने दर्ज किया मामल... बंगाल BJP की चुनावी रणनीति तय: PM मोदी ने सांसदों से की मुलाकात, SIR प्रक्रिया और आगामी चुनाव को लेक... स्टेशन पर सो रहा था दिव्यांग, देखते ही आग बबूला हो गया GRP हेड कांस्टेबल, लात-घूसे और जूते से पीटा मांग हुई पूरी: गोरखपुर में गीता प्रेस को योगी सरकार ने दी 10 एकड़ जमीन, धार्मिक साहित्य के केंद्र के... पूर्णिया में बड़ा खुलासा: फर्जी डॉक्टर कर रहा था सर्जरी, बच्चे से लेकर बूढ़े तक का स्पेशलिस्ट बनकर क... अल-फलाह यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा! फर्जी मरीजों की लिस्ट तैयार होती थी, जांच में हुआ बड़ा खुलासा, य... कलकत्ता HC का बड़ा आदेश: 32 हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट टला, कोर्ट ने जॉब सुरक्षा का दिया फैसला
देश

मिलावट पर काबू पाने के लिए सख्त कानून की राज्यसभा में उठी मांग

नई दिल्लीः राज्यसभा में बृहस्पतिवार को भाजपा के एक सदस्य ने खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या का मुद्दा उठाया और इस पर काबू पाने के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की। भाजपा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि इस समस्या ने गंभीर रुप ले लिया है। उन्होंने कहा कि पहले यह समस्या शहरी क्षेत्र में ही थी लेकिन अब यह ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच गयी है।

उन्होंने मिलावट से होने वाली विभिन्न बीमारियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस पर नियंत्रण करने के लिए 1954 में कानून बनाया गया था। लेकिन यह बहुत सख्त नहीं है। उन्होंने सख्त कानून बनाए जाने की मांग की ताकि लोगों में डर पैदा हो सके। भाकपा के विनय विश्वम ने ईपीएफओ पेंशनरों का मुद्दा उठाया और कहा कि कई लोगों को काफी कम राशि पेंशन के रुप में मिलती है। उन्होंने इसमें वृद्धि किए जाने की मांग की।

वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में सूखे की समस्या का मुद्दा उठाया और कहा कि विभिन्न जलाशयों में पानी का भंडार काफी कम रह गया है। शून्यकाल में ही कांग्रेस के अबीर रंजन चौधरी, टीआरएस के बी एल यादव, बीजद के प्रशांत नंदा, तृणमूल कांग्रेस शांता छेत्री, अन्नाद्रमुक के एस मुथुकरुप्पन, भाजपा के के जे अल्फों ने भी लोक महत्व के अलग अलग मुद्दे उठाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button