ब्रेकिंग
लग गई तुर्की की लंका, पाकिस्तान का साथ देना पड़ा भारी, अब क्या करोगे तुर्किए 7 जन्मों की खाई थी कसम, शादी की 22वीं रात पत्नी ने किया ऐसा कांड… अब पति काट रहा थाने के चक्कर खनन के लिए यमुना पर तटबंध बनाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी से जांच करने को कहा भारत के खिलाफ साइबर जंग की नई चाल, ‘Roar of Sindoor’ रिपोर्ट में खुलासा चैन से न बैठे पाकिस्तान, सीजफायर हुआ लेकिन भारतीय सेना अगले मिशन के लिए तैयार: सेना पाकिस्तानी सेना के दावे को लोगों ने सर्कस कहा, इंटरनेशनल मीडिया में हुई किरकिरी जिस आकाश डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमलों को रोका, जानिए उसे बनाने वाले डॉ रामाराव ने क्या कहा भारत में बंद होगा तुर्किए की इस कंपनी का हुक्का-पानी! मुंबई एयरपोर्ट पर है स्टॉफ हैंडलिंग का ठेका एक बेटा लंदन में दूसरा दिल्ली… फिर भी अकेली थी मां, मर्डस डे पर बेटी ने किया कॉल तो फ्लैट से निकली म... गोमती रिवर फ्रंट पर एक के बाद एक महापुरुषों की मूर्ति लगाने का ऐलान, आखिर कर क्या संदेश दे रहे अखिले...
देश

तकनीकी वजह से रोकी गई चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, लॉन्च की तारीख आने में अभी लगेगा वक्त

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में चार मंजिला इमारत गिरने से सेना के छह जवानों समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह इमारत नाहन-कुमारहट्टी सड़क पर स्थित थी जो रविवार शाम की भारी बारिश के बाद गिर गयी। इसमें एक रेस्त्रं भी था। सोलन के पुलिस अधीक्षक मधुसूदन शर्मा ने बताया कि मलबे से अब तक सेना के छह जवानों और एक नागरिक का शव बरामद हुआ है। सोलन उपमंडल के मजिस्ट्रेट रोहित राठौर ने बताया कि कम से कम सात और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

वहीं सोलन के उपायुक्त के सी चमन ने कहा कि इमारत गिरने के बाद कम से कम 42 व्यक्ति मलबे के भीतर दब गए थे जिनमें से सेना के 17 जवानों सहित 11 नागरिक यानी 28 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि मलबे में फंसे लोगों की वास्तविक संख्या का पता बचाव अभियान खत्म होने के बाद ही चलेगा। ऐसी उम्मीद है कि यह बचाव अभियान शाम तक समाप्त हो जाएगा। एक घायल सैनिक ने संवाददाताओं को बताया कि यह इमारत जब गिरी उस दौरान यहां सेना के 35 कर्मी मौजूद थे जिनमें से 30 जूनियर कमिशन्ड अधिकारी जेसीओएसी और पांच सैनिक थे।

उन्होंने बताया कि निकट के डगशाई छावनी के 4 असम रेजिमेंट के जवान ‘पार्टी करने के लिए एक रेस्त्रं में गए थे क्योंकि यह रविवार का दिन था लेकिन अचानक से इमारत हिली और तुरंत ही गिर गई।’  वहीं एक अन्य घायल सैनिक राकेश कुमार ने बताया कि घटना के समय सेना के कई कर्मियों समेत रेस्त्रं के कर्मी और अन्य ग्राहकों समेत करीब 50 लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा कि भूकंप आया है और हमें नहीं याद कि यह इमारत कैसे गिर गई और हम मलबे के अंदर दब गए।

मैं करीब 10-15 तक फंसा रहा जिसके बाद कुछ लोगों ने मुङो बचाया।’  आपदा प्रबंधन के निदेशक सह विशेष राजस्व सचिव डी सी राणा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शुरुआत में भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बर्ल सीआरपीएफी और पुलिस ने संयुक्त रुप से बचाव अभियान की शुरुआत की। इसके बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिव्रिया बर्ल एनडीआरएफी की दो टीम रविवार रात में घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान में जुट गई।

ये दो टीमें हरियाणा के पंचकूला और शिमला के सुन्नी से थीं। वहीं तीसरी टीम भी पंचकूला से पहुंची और सोमवार सुबह बचाव अभियान शुरु किया। ये सैन्य कर्मी निकट के डगशाई छावनी के थे और कथित तौर पर खाना खाने रेस्त्रं गए थे। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैँ। मुख्यमंत्री आज सुबह बचाव कार्य का जायजा लेने घटनास्थल पर आएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button