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यूनिक नंबर प्लेट लगाने की योजना खटाई में

रायपुर। राजधानी के रहवासियों को किसी का घर ढूंढ़ने में दिक्कत न हो, इसके लिए प्रत्येक घर में एक यूनिक नंबर प्लेट लगाने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत नंबर प्लेट पर दिए गए यूनिक नंबर को गूगल पर सर्च करने से घर का पूरा पता आसानी से मिल जाएगा।

लेकिन राजधानी रायपुर में यह योजना अब खटाई में पड़ गई है, क्योंकि स्मार्ट सिटी ने यूनिक नंबर प्लेट लगाने के लिए दो बार टेंडर जारी किया था, लेकिन एक भी कंपनी ने टेंडर लेने में रुचि नहीं दिखाई। उसके बाद स्मार्ट सिटी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि यूनिक नंबर प्लेट लगाने के लिए टेंडर जारी करना था, लेकिन कोरोना के चलते अभी तक नहीं हो पाया।

गौरतलब है कि रायपुर नगर निगम के अंतर्गत करीब 15 लाख आबादी है, जिसमें कुल सवा तीन लाख घर हैं। इसके लिए चार करोड़ रुपये का टेंडर स्मार्ट सिटी ने जारी किया था। यूनिक नंबर प्लेट में वार्ड, मकान मालिक का नाम और मकान नंबर लिखा होगा। इसके साथ क्यूआर कोड भी लगाया जाना था। नंबर प्लेट के लिए राजधानी वासियों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना है।

निगम ने करीब 20 साल पहले सर्वे करवाकर घरों को नंबर बांटे थे। अब जब नए निर्माण हुए हैं, नई कालोनियों का विकास हुआ है, इसके बाद घरों की नंबरिंग जरूरी हो गई है। इसके लिए स्मार्ट सिटी ने टेंडर जारी किया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह काम स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की प्राथमिकता में नहीं था, इसलिए अभी नहीं हो पाया।

जानिए क्या होता है फायदा

क्यूआर कोड स्कैन करते ही मिलेगी जानकारी

नंबर प्लेट पर क्यूआर कोड रहेगा। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद पता चल जाएगा कि मकान मालिक द्वारा टैक्स भरा गया है या नहीं। इससे टैक्स न जमा करने वालों को तुरंत नोटिस जारी कर दिया जाएगा। बकायादार टैक्स वालों की सूची की तलाश के लिए फाइल खंगालने की जरूरत नहीं पड़ती।

नए मकान बनने पर ऐसे मिलेगा क्यूआर कोड

इस सर्वे के बाद अगर नए मकान का निर्माण होता है तो उसके लिए भी विकल्प बनाया गया था, जिसमें दो मकानों के बीच नया मकान बनेगा तो पहले मकान के नंबर के बटा (आब्लिक) एक के रूप में लिखा जाएगा। मकान बनाने की स्वीकृति निगम से लेनी होगी। इसके साथ ही यूनिक नंबर जारी करना था।

वर्जन

‘राजधानी के प्रत्येक घर में यूनिक नंबर प्लेट लगाने की योजना चल रही है। सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड के अंतर्गत यह काम कराने की योजना बनाई जा रही है।’

-प्रभात मलिक, आयुक्त, नगर निगम, रायपुर

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