शिवकुमार बोले- बागियों ने पीछे से किया वार, SC ने कहा- उम्मीद है होगा फ्लोर टेस्ट

बेंगलुरु। कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच संभावतः आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण हो सकता है। दो बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि उसे उम्मीद है कि स्पीकर आज बहुमत परीक्षण करवाएंगे।
सुनवाई के बाद बाहर आए बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि वो इस बात को लेकर सकारात्मक है कि स्पीकर आज बहुमत परीक्षण करेंगे। कोर्ट ने मामले को कल के लिए रख लिया है। मुझे उम्मीद है कि स्पीकर को इस बात का अंदाजा है कि वो कहां बैठें हैं और संविधान क्या चाहता है।
कोर्ट के फैसले के बाद बागी विधायकों के वकील विधान सौधा स्पीकर से मिले हैं। इनके अलावा कांग्रेस की एक डेलिगेशन भी उनसे मिलेगी।
दूसरी तरफ विधान सौधा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि वो भाजपा नेता नहीं थे जिन्होंने हमारे पीछे से वार किया, बल्कि मुंबई में मौजूद वो बागी विधायक थे जिन्होंने ऐसा किया। लेकिन, चिंता मत कीजिए वो लोग आपके साथ भी यही करने वाले हैं।
शिवकुमार ने आगे कहा कि भाजपा नेताओं को गलत जानकारी दी जा रही है। मैं मुंबई विधायकों से मिलने गया था। उनमें से एक से बात भी हुई और उन्होंने कहा कि वो लौटना चाहते हैं।
नागराज को लेकर कहा कि मेरी वजह से उन्हें टिकट मिला था। हमने बात की तो वो मान भी गए और उन्होंने लैटने का बयान दिया। तो क्या हमें उन्हें बंद कर लेना चाहिए था? नहीं, क्योंकि हम उन पर भरोसा करते हैं। उन्हें यहां लाया जाए और सरकार के खिलाफ वोट करने दिया जाए।
इससे पहले 13 बागी विधायकों ने स्पीकर को पत्र लिखकर उनके सामने पेश होने के लिए वक्त मांगा है। विधायकों ने कहा है कि उन्हें विधान सौधा में स्पीकर के सामने पेश होने के लिए कम से कम 4 हफ्तों का वक्त दिया जाए। आज होने वाली कार्यवाही के लिए भाजपा विधायक विधान सौधा पहुंच चुके हैं।
आज संभव है बहुमत परीक्षण
राज्य विधान सौधा में आज शाम तक बहुमत परीक्षण हो सकता है। सोमवार आधी रात तक चली कार्यवाही के बाद मतदान कराए बगैर ही विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ने कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी। अब आज फिर से विश्वास मत पर बहस जारी रहेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में कार्यवाही शुरू होने से पहले सरकार को सोमवार को हर हाल में विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी करने की प्रतिबद्धता की याद दिलाई, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। कांग्रेस ने जोर दिया कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लिए जाने तक मतदान नहीं कराया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों से मंगलवार को 11 बजे उनके कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था। हालांकि, बागी विधायकों ने इसके लिए 4 हफ्ते का वक्त मांगा है।
कांग्रेस और जदएस के विधायकों के इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद संकट का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया था। सत्ताधारी गठबंधन ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा तय की गई दो समयसीमा को नजरअंदाज किया। विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को सरकार से सोमवार को प्रक्रिया पूरी करने की प्रतिबद्धता लेने के बाद कार्यवाही स्थगित की थी।
सत्ता पक्ष द्वारा मतदान पर और समय लेने के प्रयास में जुटे होने की रिपोर्ट के बीच रमेश ने साफ किया कि विश्वास मत पर और देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम सार्वजनिक जीवन में हैं। लोग हमें देख रहे हैं। चर्चा के नाम पर यदि यह राय बनती है कि हम समय जाया कर रहे हैं तो वह मेरे या किसी और के लिए अच्छा नहीं होगा।”
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ मंत्री कृष्ण ब्यारे गौड़ा ने कहा कि विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष का फैसला होने तक मतदान करना विश्वास मत प्रक्रिया की शुचिता समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा, “हम एक असामान्य स्थिति में हैं। मैं आसन से पहले इस्तीफा पर फैसला लेने का आग्रह करता हूं। इसके बिना विश्वास मत का औचित्य नहीं रह जाएगा। क्या इस्तीफा स्वैच्छिक और जायज है? क्या वे लोकतंत्र के खिलाफ नहीं हैं?”
भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस-जदएस सरकार बागी विधायकों को वापस बुलाने का समय लेने के लिए देरी कर रही है। भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने विधानसभा अध्यक्ष पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार और मधुस्वामी ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सोमवार को ही विश्वास मत प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए और बहस को अंतहीन नहीं बनाया जाए।
विधायक दल के नेता जारी कर सकते हैं व्हिप
विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है। यदि कोई शिकायत उनके पास पहुंचती है तो वह नियमों का पालन करते हुए फैसला लेंगे। उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया के व्यवस्था के सवाल पर यह कहा।
राष्ट्रपति शासन लागू करें या सरकार बर्खास्त हो : शिवसेना
भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को इस्तीफा सौंप देना चाहिए। वह विधानसभा में बहुमत खो चुके हैं। पार्टी ने केंद्र से या तो राज्य की कांग्रेस-जदएस सरकार को बर्खास्त करने या राष्ट्रपति शासन लागू करने को कहा।