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ढाई साल का कार्यकाल और 10 हजार से अधिक झूठ, ये है अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप का सच

नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के बीच हुई पहली मुलाकात सुर्खियों में है। इसके सुर्खियों में आने की वजह कुछ और नहीं बल्कि कश्‍मीर का मुद्दा है। पाकिस्‍तान हर मंच पर कश्‍मीर मुद्दा उठाता रहा है, ऐसा ही उसने इस मुलाकात में भी किया। इसके बाद ट्रंप ने जो कहा उसकी वजह से उनकी किरकिरी भी खूब हो रही है। दरअसल, उन्‍होंने इमरान खान द्वारा कश्‍मीर मुद्दा उठाने के बाद कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके मुलाकात के दौरान भारत-पाक की वार्ता में मध्‍यस्‍थ बनने के बाबत पूछा था। जिसके जवाब उन्‍होंने हां में उत्तर दिया था। इस वार्ता का ब्‍योरा सार्वजनिक किए जाने के तुरंत बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी। इसके बाद व्‍हाइट हाउस भी बैकफुट पर आता दिखाई दिया। भारत ने साफ कर दिया कि इस मसले में वह किसी भी तीसरे देश की मध्‍यस्‍थता मंजूर नहीं करेगा। यह द्विपक्षीय मसला है जिसको दोनों ही देशों को निपटाना होगा।

राष्‍ट्रपति के झूठ का उजागर
इस वार्ता के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के झूठ बोलने की सच्‍चाई एक बार फिर से उजागर हो चुकी है। जहां तक राष्‍ट्रपति ट्रंप के झूठ बोलने की बात है तो आपको जानकर हैरत होगी कि इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में यहां तक कहा जा चुका है कि यूएस राष्‍ट्रपति ने अपने इस पूरे कार्यकाल में ही दस हजार से अधिक झूठ बोल चुके हैं। यदि उनके सत्‍ता संभालने से लेकर दिसंबर 2018 तक की बात की जाए तो यह आंकड़ा आठ हजार से अधिक है। यह रिपोर्ट वाशिंगटन पोस्‍ट ने फैक्‍ट चेकर (Fact Checker) नाम से जारी की थी। इसमें कहा गया कि पिछले वर्ष ट्रंप ने हर रोज करीब 17 झूठ बोले थे। यह रिपोर्ट अपने आप में बेहद चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट की मानें तो पहले वर्ष की तुलना में ट्रंप ने दूसरे वर्ष में कहीं अधिक झूठे बयान दिए थे। जहां तक फैक्‍ट चैकर की बात है तो आपको बता दें कि यह राष्‍ट्रपति द्वारा दिए गए बयानों का विश्‍लेषण और तथ्‍यों की पड़ताल के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचता है और रिपोर्ट जारी करता है।

आव्रजन पर बोला सबसे अधिक झूठ
राष्‍ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक झूठ आव्रजन के मुद्दे पर बोला है। इसके बाद विदेश नीति, व्‍यापार, अर्थव्‍यवस्‍था, नौकरियां और दूसरे मामले हैं। फैक्‍ट चैकर रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप ने सबसे अधिक झूठ रैलियों में बोले हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव की जांच कराने के मुद्दे पर ही वह करीब दो सौ बार अपने बयानों को बदल चुके हैं या इस बाबत झूठ बोला है। ट्रंप के फरवरी 2017 के एक ट्वीट को लेकर भी फैक्‍ट चैकर ने सच्‍चाई उजागर की थी। दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति रोनाल्‍ड रेगन के साथ अपनी फोटो को ट्रंप ने ट्वीट किया था। इस फोटो पर रेगन की तरफ से लिखा था कि ट्रंप से हाथ मिलाते हुए उन्‍हें ऐसा लगा कि वह भविष्‍य के अमेरिकी राष्‍ट्रपति से हाथ मिला रहे हों। फैक्‍ट चैकर के मुताबिक यह फोटो एक रिसेप्‍शन के दौरान खींची गई थी, लेकिन इसमें जो लिखा गया वह सच नहीं है। ते 18 महीनों में डॉनल्ड ट्रंप ने कुल 13 लाख 40 हजार 330 शब्द बोले हैं और इनमें से 5.1 प्रतिशत हिस्सा झूठ था। अगर साल 2017 का औसत देखें तो ट्रंप ने लगभग रोज 2.1 झूठे दावे किए। हालांकि, साल 2018 में यह औसत बढ़कर 5.1 हो गया, इसका अर्थ है कि ट्रंप जो भी कहते हैं उनका हर 14 में से 1 शब्द झूठा होता है।

ताजा बयान भी सवालों के घेरे में 
ट्रंप के ताजा बयान पर भी सच्‍चाई ज्‍यादा देर तक छिपी नहीं रह सकी। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ब्रैड शेरमैन ने राष्‍ट्रपति के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसी बात कभी नहीं कर सकते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि दक्षिण एशिया की विदेश नीति को जानकार इस बात को जानता है कि कश्मीर मसले में भारत लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है। उन्‍होंने ट्रंप के बयान को भ्रामक शर्मिंदा करने वाला बताया है। इतना ही नहीं उन्‍होंने इस बयान को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्र‍पति की तरफ से माफी तक मांगी है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको की दीवार बनाने के फंड की मंजूरी के लिए भी कई झूठे दावे किए। इतना ही नहीं हाल ही में तीन अमेरिकी महिला सांसदों को वापस उनके देश भेजने के मुद्दे पर भी उनका झूठ उजागर हुआ था।

ट्रंप के बड़े झूठ 

  • ट्रंप ने कहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा अमेरिका में पैदा नहीं हुए। इसके बाद खुद व्‍हाइट हाउस द्वारा ओबामा का बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने का भी श्रेय ट्रंप ने ही ले लिया। 2016 में उन्‍होंने माना कि पूर्व राष्‍ट्रपति अमेरिकी नागरिक हैं और उनका जन्‍म अमेरिका में ही हुआ है। इसके बाद ट्रंप ने मिशेल ओाबामा पर ये कहते हुए सवाल उठाया था कि उन्‍होंने ही ओबामा के जन्‍म को लेकर अफवाह फैलाई थी।
  • राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंदी बने टेड क्रुज को लेकर ट्रंप ने कहा था कि उनके पिता पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्‍या में शामिल थे।
  • ट्रंप ने कहा कि गैर कानूनी मतदाताओं की वजह से उन्‍हें पॉपुलर वोट पाने में नाकामी हासिल हुई थी।
  • अपने बयानों में उन्‍होंने अमेरिका में बेरोजगारी की दर 5 फीसद तो कभी 24 फीसद, कभी 42 फीसद तक बताई।
  • अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ट्रंप ने कहा था कि उन्‍होंने भारी जीत हासिल की है। लेकिन हकीकत में तीन राज्‍यों में उन्‍हें हार मिली थी।
  • उन्‍होंने एफबीआई कर्मी पीटर पर अन्‍य के साथ मिलकर सरकार गिराने के लिए षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया था। लेकिन इस बारे में कोई सुबूत हासिल नहीं हो सका।
  • एफबीआई डायरेक्‍टर जेम्‍स कॉमे को हटाए जाने को लेकर भी उनका झूठ अधिक समय तक नहीं चल सका था। उनका कहना था कि अमेरिकी अटॉर्नी जनरल और उनके डिप्‍टी की सलाह पर यह फैसला लिया गया था।
  • अपने निजी वकील माइकल कोहेन को 2018 की शुरुआत में उन्‍होंने इमानदार और शानदार इंसान बताया था लेकिन अंत तक उनके प्रति ट्रंप की राय बदल चुकी थी। एक बयान में उन्‍होंने कोहेन को कमजोर इंसान, नॉट स्‍मार्ट पर्सन तक कहा।
  • ट्रंप ने कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान तत्‍कालीन राष्‍ट्रपबत ओबामा ने उनके पीछे जासूस लगाए जिससे हिलेरी क्लिंटन को जीत में मदद मिल सके।

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