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इस मुस्लिम देश ने समुद्र की गहराइयों में खोजा हजारों साल पुराना मंदिर

नई दिल्ली: मिश्र (इजिप्ट) भले ही आज एक मुस्लिम देश है लेकिन आज से हजारों साल पहले उसकी पहचान मंदिरों के देश के तौर पर हुआ करती थी। पुरातत्वविदों को हाल ही मिले एक मंदिर से यह बात सिद्ध भी होती है। दरअसल दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक मिश्र के सबसे पुराने शहर हेराक्लिओन में लगभग 1200 साल पुराना एक मंदिर मिला है। समुद्र की गहराइयों में मिला यह मंदिर प्राचीन शैली में बना हुआ है। इस मंदिर की खोज मिश्र तथा यूरोप के पुरातत्वविदों ने की है।

पुरात्वविदों के अनुसार मंदिर काफी बिखरा हुआ है। उन्हें मंदिर के पिलर और मिट्टी के बर्तन ,तांबे के सिक्के और ज्वैलरी भी मिली है। पुरातत्वविदों ने बताया कि मंदिर जिस उत्तरी हिस्से में मिला है उसे मिश्र का अटलांटिस कहा जाता है। पुरातत्वविदों के अनुसार लगभग हजार साल पहले ये मंदिर समंदर में डूब गया था। मंदिर तीसरी और चौथी शताब्दी का बताया जा रहा है। मंदिर के साथ डूबी हुई नावों से मिले तांबे के सिक्के राजा क्लाडियस टॉलमी द्वितिय के कार्यकाल के हैं। मंदिर की खोज करने वाली पुरातत्वविदों की टीम को समुद्र की तलहटी में हजारों साल पुराने जहाज भी मिले हैं। इसमें हथियार, क्रॉकरी, सिक्के और ज्वैलरी से भरा बर्तन पाया गया है।

इतिहासकारों ने बताया कि हेराक्लिओन में हजारों साल पहले आई सुनामी के कारण शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गया। इस शहर को इजिप्ट की आर्थिक राजधानी के तौर पर विकसित किया गया था। राजा क्लाडियस टॉलमी द्वितीय के शासनकाल के दौरान ये शहर विकास की बुलंदियों पर था। टॉलमी एक बेहतर राजा के साथ—साथ ज्योतिष विद्या में भी निपुण थे। टॉलमी ने ही इजिप्टियन कैलेंडर के लिए पृथ्वी के एक चक्कर लगाने में चन्द्रमा को जो समय लगता है उसका निर्धारण किया था। उन्होंने प्रकाश के नियम पर भी कई इजिप्टियन सिद्धांत दिए। टॉलमी द्वितीय ने भूगोल और विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान दिए। वर्तमान में इस शहर को अबू-किर खाड़ी के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म टॉलेमस सरसी के पेलुसियम मे हुआ था। अपने शासन काल के दौरान उन्होंने इजिप्ट में कई मंदिर बनवाए। उन्हें हेराक्लिओन शहर का निर्माता कहा जाता है। टॉलमी ने इस शहर की पूरी तरह से कायाकल्प कर दिया था।

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