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राजनीतिक दलों के संकल्प पत्र पर जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ ने खोला मोर्चा

रायपुर। चुनाव के पूर्व जनता का मत हासिल करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल लोकलुभावन संकल्प पत्र जारी करती है। इस संकल्प पत्र को लेकर जनता कांग्रेस(जे) ने मोर्चा खोला है। जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ ने भारत निर्वाचन आयोग को एक पत्र भेजकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। सुझाव में कहा गया है कि संकल्प पत्र की घोषणाए कोई भी दल पूरा नहीं कर पाते है। ऐसे में जनता अपने आपको ठगा सा महसूस करती है। राजनीतिक दल के विरूद्ध भी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती है। संकल्प पत्र के स्थान पर शपथ देने का प्राविधान करने के सुझाव को आयोग ने काफी कारगर मानकर गंभीरतापूर्वक निर्णय लेने को कहा है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख और वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने भारत निर्वाचन आयोग को एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने कहा है कि अक्सर अभी तक देखा गया है कि विभिन्न राजनैतिक दल चुनाव पूर्व जारी दलीय संकल्प पत्र में कई लोक लुभावन वादे कर जनता से वोट हासिल करते चले आ रहे हैं, क्योंकि संकल्प पत्र की घोषणाए कोई भी दल पूरा नहीं कर पाता हैष संकल्प पत्र में बड़े-बड़े प्रलोभन के वादे जैसे पंद्रह लाख रुपये प्रत्येक परिवार के खाते में जमा किए जायेंगे। एक वर्ष में दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध किए जाने का संकल्प लिया जाता है परंतु आम जनता के हाथ में शून्य हासिल होता है।
आयोग ने सुझाव पर फैसला लेने दिए संकेत

रिजवी ने आयोग से लिखित सुझाव में संकल्प पत्र के स्थान पर शपथ देने का प्राविधान किए जाने की मांग की थी।इस पत्र के जवाब में आयोग ने शपथ पत्र लिए जाने के सुझाव को कारगर बताते हुए सुझाव पर सकारात्मक निर्णय लेने का समर्थन किया है। आयोग ने शपथ पत्र पर विचार करने पर गंभीरता से निर्णय लेने विचार व्यक्त किया है।रिजवी ने कहा कि शपथ पत्र में किए गए वादों से मुकरने पर कोई भी व्यक्ति अदालत में जाकर वाद पेश कर सकता है। शपथ पत्र में किए गए वायदे से मुकरने वाले को दो साल तक सजा देने का भी प्रविधान है।

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