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आरटीई की फीस बकाया होने से निजी स्कूलों में लगा ताला, प्रबंधकों ने किया प्रदर्शन

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को प्रदेशभर के निजी स्कूल के संचालकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। राजधानी के बूढ़ातालाब परिसर में हजारों की संख्या में एकजुट होकर स्कूल प्रबंधकों ने रैली भी निकाली और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया। प्रबंधकों ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पढ़ने वाले सवा तीन लाख बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति नहीं दे रही है।
आरटीई के तहत 106 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है। आंदोलन के कारण प्रदेश के सात हजार स्कूलों में आनलाइन और आफलाइन दोनों ही कक्षाएं नहीं हो पाईं। स्कूल बंद रहेंगे इसकी सूचना स्कूल प्रबंधकों ने एक दिन पहले ही दे दी थी। इसके चलते प्रदेश के 16 लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रही।
30 अक्टूबर तक मांगे पूरी करने की मांग
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि प्रदेश स्तर के हड़ताल और धरना-प्रदर्शन में पांच हजार से अधिक निजी स्कूलों के प्रबंधक, शिक्षक और गैर शिक्षकीय कर्मचारी शामिल हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि 30 अक्टूबर तक यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो असहयोग आंदोलन करेंगे और अनिश्चतकालीन हड़ताल के लिए निर्णय लिया जाएगा। धरना स्थल पर एकजुट होकर निजी स्कूल के प्रबंधकों ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की।
इन मांगों को लेकर हुआ प्रदर्शन
निजी स्कूल प्रबंधकों की प्रमुख मांगों में साल 2020-2021 की आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि तत्काल दी जाए, कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की भी आरटीई की फीस दी जाए, प्रदेश के सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए, बसों की पात्रता अवधि भी 12 वषों से दो वर्ष आगे बढाया जाए, स्कूलों के नवीन मान्यता ,नवीनीकरण पर अड़ियल रवैया खत्म हो, आरटीई के बच्चों को यूनिफार्म, किताबें वास्तविक दर पर दिलाएं, मान्यता के नाम पर लूट बंद हो शामिल है।

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