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अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते 19 साल बाद भी सिरे नहीं चढ़ पाया प्रोजेक्ट

करनाल: हरियाणा के जिले करनाल में डेयरी शिफ्टिंग का कार्य 19 साल बाद भी अधर में लटका पड़ा है। इन 19 सालों में अब इस प्रोजेक्ट के जो कागजात थे उनकी स्याही भी फीकी पड़ने लगी है। जब CM सिटी में किसी भी योजना को सिरे चढ़ाने में अधिकारी 19 साल लगा सकते हैं तो अब क्यों ना मान लिया जाए कि शहर से पिंगली गांव में डेयरी शिफ्ट होना असंभव है। असंभव इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि नगर निगम ने इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के कई साल बाद में अपने नए भवन का निर्माण करवा लिया और अब सभी सुविधाओं से लैस इस भवन में अपने कार्यालय को शिफ्ट भी कर लिया। लेकिन आज तक नगर निगम शहर से पिंगली में डेयरियों को शिफ्ट नहीं करवा पाया।डेयरी में बने जलघर में खड़ी झाड़ियों का दृश्य।बार बार दोहराई जा रही डेयरी शिफ्टिंग की प्रक्रियास्मार्ट सिटी का यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट करोड़ो की बर्बादी के मुहाने की तरफ जाता दिखाई दे रहा है। लगभग दो दशक बीतने को है और डेयरी शिफ्टिंग की प्रक्रिया बार बार दोहराई जा रही है, यही दोहराव नगर निगम के अधिकारियों की इस प्रोजेक्ट के प्रति गंभीरता को दर्शाता है और उनकी कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। नगर निगम कैसे कार्य करता है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 238 प्लाटों में से महज 112 प्लाटों का ही ड्रा हो सका है। हालांकि कई बार इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन जारी हो चुकी है लेकिन अधिकारियों के काम करने का तरीका ‘ढाक के तीन पात’ वाला ही है। डेयरी संचालकों के शिफ्ट न होने का सबसे बड़ा कारण निगम अधिकारियों की उदासीनता है।डायरी के पड़े कच्चे रास्ते का दृश्य।दामन बचाने के लिए बीच बीच में करते अधिकारी मूवमेंटप्रदेश सरकार की घोषणाओं को हल्के में लेने वाले अधिकारियों का दामन साफ रहे, इसके लिए बीच-बीच में डेयरी शिफ्टिंग की मूवमेंट दिखा दी जाती है। वैसे तो स्मार्ट सिटी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के हालात ऐसे हैं कि यहां बिजली के खंभों की तारें टूटी है और सड़कें कच्ची हैं। पेयजल ट्यूबवेल से वाटर सप्लाई होने पर जगह-जगह लीकेज होने लगती है। लगातार जाम रहने वाले सीवरेज की सफाई के लिए कर्मचारी नहीं हैं।20 प्रतिशत राशि करवाई थी जमानगर निगम की ओर से जब भी डेयरी के प्लाटों का ड्रा निकाला गया तो मौके पर 20 प्रतिशत राशि जमा करवाई गई। बाकी राशि डेयरी संचालकों को दस किस्तों में जमा करानी होती है। किश्त जमा नहीं हो तो जुर्माना लगता है। यहां तक कि पिंगली डेयरी कांप्लेक्स में प्लाटों में नगर निगम की ओर से निशानदेही भी नहीं की गई है। डेयरी संचालकों की माने तो कार्रवाई का डर दिखाकर निगम अधिकारी शिफ्ट करने की फिराक में हैं जबकि किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने यहां के हालात जानने के लिए दौरा नहीं किया है। सिटी स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट सिरे चढ़े लेकिन 2003 से यह परियोजना लटकी है।प्लाटों मं खड़ी झाड़ियों का दृश्य।बिजली की तारें टूटकर नीचे गिरीडेयरी कॉम्प्लेक्स के हालात यह है कि पिंगली कांप्लेक्स में बिजली के खंभों से तारें टूटकर नीचे गिरी हुई हैं और बिजली निगम की ओर से बिछाया तारों का जाल बेकार हो चुका है। कुछ सड़कें कच्ची हैं जबकि कुछ पर वर्षों पहले बिछाई गई इंटरलॉकिंग टाइलों में घास उगी है। मुख्य सड़क से लेवल कम होने के कारण डेयरी संचालकों के लिए प्लाट में छह फुट तक मिट्टी की भरत करवाना मजबूरी है। कीचड़ व गंदगी के कारण चोक सीवर से निकासी प्रभावित है।डेयरी में पड़े खाली प्लाट व खुले में बंधे पशु।ऐसे कैसे होगा प्रोजेक्ट पूराइस प्रोजेक्ट को कई निगमायुक्त सिरे नहीं चढ़ा सके। ठंडे बस्ते में पड़ी फाइल के चलते 15 डेयरियों का निर्माण हो चुका है लेकिन 75 डेयरियां अधूरी हैं। अभी तक निगम प्रोजेक्ट पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। 2017 में 37 प्लाट अलाट किए गए थे। अधिकारियों ने इस दीपावली पर सभी डेयरियों को शिफ्ट करने का दावा किया था लेकिन दो माह से अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आए हैं। छह माह से 30 आवेदनों पर निगम प्लाट आवंटन नहीं कर पा रहा है।प्लाटों में खड़े पानी का दृश्य।131 बीघा जमीन डेयरियों के लिए खरीदी थी सरकार नेआपको बता दे कि कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के लिए पिंगली में 131 बीघा जमीन खरीदकर डेयरियों के लिए 222 और आठ प्लाट बूथ के लिए छोड़े गए थे। डेयरी संचालकों की मांग पर प्लाट बड़े करते हुए बूथ हटा दिए गए थे। निगम की ओर से कार्रवाई का डर दिखाने पर संचालकों ने नींव डाल ली लेकिन भवन निर्माण नहीं किया। किसी संचालक ने भवन निर्माण किया भी तो असुविधाओं के चलते पशु शिफ्ट नहीं किए। लचर कार्यप्रणाली के चलते निगम ने प्लाट धारकों को तीन फुट मिट्टी की भर्ती करवाने का आश्वासन दिया था जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया।ड्रा की जल्द की जाएगी तिथि घोषितनगर निगम के उप-निगमायुक्त अरुण कुमार ने बताया कि डेयरी कांप्लेक्स का दौरा करके अधूरी सुविधाओं को पूरा किया जाएगा। नए आवेदन के लिए ड्रा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

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