राज्यसभा में आतंकवाद पर बोल रहे अमित शाह- धर्म को निशाना बनाने के लिए बेकसूरों को पकड़ा

UAPA बिल चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा है आतंकवाद के खिलाफ सदन में सबको एकजुट होने की जरूरत है। राज्यसभा में UAPA बिल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आंतकवाद के खिलाफ इस बिल पर सदन के अंदर एकमत होना चाहिए था तो देश में अच्छा संदेश जाता। उन्होंने कहा कि NIA ने ज्यादा मामले में सजा दिलाई है और यह दर करीब 91 फीसदी है जो कि दुनिया की किसी भी एजेंसी से ज्यादा है।
अमित शाह ने कहा कि किसी भी केस में चार्जशीट दाखिल न करने की वजह से कोई दोष मुक्त नहीं हुआ है। मंत्री ने कहा कि NIA के पास काफी जटिल मामले आते हैं। उन्होंने कहा कि संस्था व्यक्ति से ही बनती है और इसी वजह से अब व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जाए ताकि वह व्यक्ति किसी और नाम से दूसरी संस्था न बना पाए।
अमित शाह ने कहा कि जब तक व्यक्ति को आतंकी घोषित नहीं करते इनके काम पर आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल में व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का कानून पहले से ही, हम तो कानून लाने में लेट हो गए। कांग्रेस के लोग कानून के दुरुपयोग की बात न करें क्योंकि उनका इतिहास तो काफी लंबा है और इस पर 7 तारीख तक बोल सकता हूं। आपातकाल की याद नहीं दिलाना चाहता जब लोगों के सारे अधिकार छीन लिए गए थे। तब देश पर नहीं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर खतरा था।
अमित शाह ने कहा दिग्विजय सिंह का गुस्सा जायज है वह अभी-अभी चुनाव हारकर आए हैं। उन्होंने कहा कि NIA के 3 केसों पर सजा न होने पर दिग्विजय सिंह को आपत्ति है, इन मामलों में इसलिए सजा नहीं हुई कोई यह केस ही राजनीतिक बदले की भावना से लगाए गए थे, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया गया था। समझौती एक्सप्रेस धमाकों में असली दोषियों को छोड़ा और बेकसूर लोगों को पकड़ा गया। उनके खिलाफ कोई सबूत NIA नहीं दे पाई और तब भी कांग्रेस के ही सरकार थी। इन मामलों में आतंकवाद को धर्म से जोड़ा गया और राजनीतिक एजेंडा साधा गया। मक्का मस्जिद धमाकों में भी चार्जशीट कांग्रेस के वक्त ही हुई थी।
यही नहीं अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अगर यासीन भटकल को पहले ही आतंकी घोषित कर दिया होता तो कई लोगों की जान बच जाती लेकिन हमने सिर्फ उसके संगठन को बैन किया था। उन्होंने कहा कि आतंकी बताए गए व्यक्ति के पास अपील का पूरा अधिकार होगा, यह अंतिम ठप्पा नहीं है और चार चरणों में उसकी जांच होगी, किसी के मानव अधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी अगर आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा। इस पर दिग्विजय सिंह ने जवाब देना चाहा लेकिन सभापति की ओर से इजाजत नहीं दी गई।