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महिला अफसरों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट पर गौर करे सेना : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सेना से कहा कि वह शार्ट सर्विस कमीशन वाली महिला अधिकारियों के मामले पर दोबारा विचार करे। इन महिला अधिकारियों को यूनिट असेसमेंट कार्ड (यूएसी) आधारित मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर आकलन किए जाने के बाद भी 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में विफल रहने पर सेना में स्थायी कमीशन (पीसी) देने से इन्कार कर दिया गया है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने केंद्र और सेना की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ वकील आर. बालासुब्रमण्यम से कहा कि वे महिला अधिकारियों की सेवा के पांचवें और 10वें वर्ष के बाद की नवीनतम वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) पर भी गौर करें

शीर्ष अदालत महिला अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इन अधिकारियों का कहना है कि उनका आकलन त्रुटिपूर्ण यूएसी प्रणाली के आधार पर किया गया है उन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है। पीठ ने कहा, ‘हम यूएसी प्रणाली की अनदेखी करने को नहीं कह रहे हैं लेकिन कृपया नवीनतम एसीआर पर गौर करें। अगर इनकी एसीआर असाधारण है तो उन्हें छोड़ना सेना और देश दोनों के हित में नहीं होगा।’

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