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कानन जू के बाइसन केज से काटे गए 15 पेड़, अब बिछाई जा रही मुरुम

बिलासपुर। कानन पेंडारी जू के बाइसन केज से 15 पेड़ काट दिए गए हैं। इसके कटते ही अब मुरुम बिछाने का काम चल रहा है। मुरुम से टीला सरीका बनाया जाएगा, जहां बाइसन आराम से बैठ सकते हैं। अभी तक मिट्टी होने के कारण कीचड़ होता था और इससे उनमें संक्रमण का खतरा था।

केज में यह बदलाव विशेषज्ञों के सुझाव पर किया जा रहा है। कुछ महीने पहले जू के दो बाइसन की कुछ दिनों के अंतराल में मौत हो गई। बिना किसी बीमारी के एकाएक मौत ने जू प्रबंधन सकते में आ गया और वजह ढूंढने के लिए कई तरह की माथापच्ची भी की। आखिर में विशेषज्ञों की सलाह ली गई। इस दौरान विशेषज्ञों ने केज में कुछ खामियां निकाली। जिनमें सबसे प्रमुख अत्यधिक पेड़ों की वजह से बाइसन तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंचना है।

इसके अलावा उनके बैठने के सूखे स्थान का अभाव है। इस कमी की वजह से कहीं न कहीं बाइसन की सेहत पर प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई गई। जू प्रबंधन ने भी इस कमी को महसूस किया। लिहाजा उन्होंने केज को व्यवस्थित करने के लिए पेड़ काटने के अलावा मुरुम बिछाने का निर्णय लिया। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही जू प्रबंधन ने 15 पेड़ काटे हैं।

वहीं अब केज के एक हिस्से में मुरुम डालकर वहां टीला जैसा बना रहे हैं ताकि वह यहां बैठ सकंे। इससे होगा यह कि मल व पेशाब के कारण कीचड़ नहीं होगी और उन्हें संक्रमण से बचाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ और केज भी है जिसमें इस तरह की कमियों का आकलन कर उनमें सुधार करने का प्रयास किया जाएगा।

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