दिसंबर में ही चीन ने सख्‍त जीरो कोविड नीति को खत्‍म किया और इसके बाद संक्रमण अनियंत्रित हो गया। भारी विरोध के बाद चीन को कोविड नीति खत्‍म करने का फैसला लेना पड़ा। जीरो कोविड नीति की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था बुरी तरह से चौपट हो गई थी।
मार्च 2020 से कोविड नीति के तहत पर्यटकों के लिए सरकारी केंद्रो पर चीन आने वाले यात्रियों के लिए क्‍वारंटाइन अनिवार्य किया था। इस क्‍वारंटाइन की समय सीमा पहले घटाकर तीन हफ्ते की गई और फिर इसे नवंबर में पांच दिनों का कर दिया गया था। इस नियम के खत्‍म होने के बाद चीनी नागरिकों में विदेश जाने की होड़ सी मच गई।

ट्रैवल वेबसाइट्स भी यात्रियों के सवाल जवाब से भर गईं। मगर करीब एक दर्जन देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्‍ट अनिवार्य कर दिया है। चीन इस समय कोविड संक्रमण से जूझ रहा है। इस महीने चीनी नया साल शुरू होने वाला है और माना जा रहा है कि स्थिति और खराब हो सकती है। इस दौरान लाखों चीनी नागरिकों के विदेश जाने की उम्‍मीद जताई जा रही है। ये यात्री उन शहरों सें भी हैं जहां पर कोविड की सबसे ज्‍यादा मार पड़ी है।

दूसरे देशों की तरफ से चीन के यात्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को चीन ने अस्‍वीकार कर दिया है। चीन के कब्‍जे वाला हांगकांग भी रविवार से पूरी तरह से खुल गया है। हांगकांग का बाजार इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है। हांगकांग से आने वाले यात्रियों को रवाना होने 48 घंटे पहले निगेटिव कोविड टेस्‍ट मुहैया कराना होगा। इन सबके बीच चीनी अथॉरिटीज ने तय किया है कि 1000 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्‍पेंड किया जाएगा जिन्‍होंने कोविड नीतियों की आलोचना की थी। चीन की पॉपुलर वाइबो पर 1120 अकाउंट्स के खिलाफ एक्‍शन लिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की तरफ से चीन में कोविड आंकड़ों पर चिंता जताई गई है। चीन में आधिकारि‍क तौर पर कोविड से 17500 लोगों की मौत हुई है। जबकि कई मेडिकल एक्‍सपर्ट्स मान रहे हैं कि आंकड़ों को लेकर चीन झूठ बोल रहा है।