ब्रेकिंग
सद्गुरु के साथ विशेष सत्संग… ईशा योग केंद्र में आज शाम 7 बजे से गुरु पूर्णिमा का भव्य उत्सव जम्मू-कश्मीर: पुंछ में आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़, भारी तादाद में हथियार बरामद पूरे विश्व को भारत ही दे सकता है ज्ञान और शिक्षा… गुरु पूर्णिमा पर बोले स्वामी राम देव गाजीपुर के महाहर धाम का त्रेतायुग से नाता, यहां विराजमान 13 मुखी शिवलिंग; सावन में कांवड़िया चढ़ाते ... जनता ने चाहा तो मैदान में फिर उतरूंगा… महुआ मेडिकल कॉलेज विजिट के दौरान बोले तेज प्रताप यादव हिंदी हमारी मां, मराठी हमारी मौसी… नए नारे के साथ मुंबई में उतरी BJP पटना में फिर मर्डर, इस बार बालू कारोबारी को बदमाशों ने मारी गोली; बाग में टहलते समय किया शूट नीले ड्रम का ‘शुद्धीकरण’, कांवड़िया बोला- मुस्कान ने बदनाम कर दिया था, गंगा जल से होगा शुद्ध दिल्ली के जय हिंद कॉलोनी की घटना पर बिफरीं ममता, लगाया बंगालियों के साथ भेदभाव करने का आरोप गुरु पूर्णिमा के दिन ‘गुरु’ की हत्या, छात्र ने प्रिंसिपल को चाकू से गोदा; किस बात से था नाराज?
देश

अब समय आ गया है कि लद्दाख के औषधीय पौधों को मिले विश्व में पहचान- PM मोदी

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर अपने संबोधन में गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है कि लद्दाख के लोग अपने क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता से लाभान्वित होंगे और वहां के औषधीय पौधों तथा जड़ी बूटियों को वैश्विक मान्यता मिलेगी।

संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने संबंधी विधेयक को मंजूरी मिलने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह बात कही।

प्रधानमंत्री ने लद्दाख की महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बर्फ से ढके पहाड़ों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए ये जड़ी-बूटियां आधुनिक समय की ‘संजीवनी’ के रूप में काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंचे पहाड़ों पर रहने वाले लोगों और बर्फ से ढके क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए यह एक संजीवनी है। यह कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्रों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बनाए रखती है… ऐसी जड़ी-बूटियां पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में फैली हुई हैं।”

मोदी ने कहा कि यदि ऐसी जड़ी-बूटियों को मान्यता दी जाती है और उन्हें बेचा जाता है, तो इससे क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ लोगों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योगपतियों, निर्यातकों और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोगों से दुनियाभर में स्थानीय उत्पादों को ले जाने के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button