आर्थिक तरक्की को गति देने के लिए उद्याग जगत ने सरकार से मांगा 1 लाख करोड़ का पैकेज

नई दिल्ली: उद्योग जगत के दिग्गजों ने वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात की और उनसे कारोबार जगत को राहत देने को लेकर मांग की। इकनॉमी स्लोडाउन से परेशान देश के कारोबार और उद्योग जगत ने सरकार से 1 लाख रुपए का राहत पैकेज देने की मांग की है। वित्त मंत्री से 1 लाख करोड़ रुपए की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि निवेश चक्र को आगे बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए यह जरूरी है। वित्त मंत्री ने उन्हें यह भरोसा भी दिया है कि आर्थिक तरक्की को गति देने के लिए जल्दी ही कदम उठाए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के बारे में सुझाव लेने के लिए गुरुवार को इन प्रतिनिधियों को बुलाया था। इस मुलाकात के बाद उद्योग चैम्बर एसोचैम के अध्यक्ष बी.के. गोयनका ने कहा कि मौजूदा वैश्विक और घरेलू बाजार की सुस्ती को देखते हुए तुरंत कुछ उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दौर में अर्थव्यवस्था को राहत पैकेज जैसे महत्वपूर्ण हस्तक्षेप की जरूरत है। हमने एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज देने की मांग की है।
वित्त मंत्री के साथ करीब 3 घंटे चली बैठक के बाद बाहर आए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने बताया कि वित्त मंत्री ने उद्योग की हालत सुधारने और अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने बताया कि यह तय हुआ है कि सरकार उद्योग जगत को उबारने के लिए जल्दी ही कोई कार्रवाई करेगी। हमें वित्त मंत्रालय से सकारात्मक संकेत मिले हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने साफ शब्दों में यह भरोसा दिया है कि कोई समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि खासकर स्टील, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और ऑटोमोबाइल सेक्टर कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। पीरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन अजय पीरामल ने बताया कि बैंकों द्वारा उद्योग जगत को अब कर्ज देने में हिचकिचाहट जैसे कई मसले वित्त मंत्री के सामने उठाए गए।
उन्होंने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि ऐसा नहीं है कि बैंकों में नकदी की तंगी हो, लेकिन कर्ज देने की गति नहीं बढ़ रही है. जहां तक एनबीएफसी सेक्टर का सवाल है, इसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर दबाव है। मुझे यह बताया गया कि जल्दी ही कार्रवाई होगी। इसलिए हम इसका इंतजार करेंगे।