पूर्वी राजस्थान| पूर्वी राजस्थान के करौली श्री महावीरजी में सर्वाधिक 70 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई है, पश्चिम राजस्थान में नागौर के परबतसर में 44 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। वaजमेर, कोटा, भरतपुर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र में मेघगर्जन के साथ बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि का दौर जारी रहेगा। हनुमानगढ़ जिले और आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर मेघगर्जन, आकाशीय बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश के कारण कोहरा और धुंध देखने को मिले। जयपुर, सीकर, दौसा, बूंदी, अलवर, बाड़मेर समेत कई जगह पर ओलावृष्टि हुई है।
झालावाड़ के गोविंदपुरा में बिजली गिरने से मजदूर की मौत
झालावाड़ के गोविंदपुरा में बिजली गिरने से एक मजदूर शंभू लाल लोधा की मौत हो गई। वह खेत पर धनिया की फसल तैयार करवा रहा था। इसी दौरान आसमानी बिजली गिरने से उसने दम तोड़ दिया। वह 45 साल का था।
21-22 मार्च को आंधी-बारिश में कमी आएगी
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 21-22 मार्च को इस तंत्र का प्रभाव कम होने से आंधी बारिश की गतिविधियों में कमी होगी। इस दौरान ज्यादातर स्थानों पर मौसम मुख्य तौर पर शुष्क रहने की संभावना है। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
एक और नया पश्चिमी विक्षोभ 23-24 मार्च को सक्रिय होगा
मौसम निदेशक के अनुसार 23 मार्च को फिर से पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग और पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बादल गरजने के साथ आंधी, बारिश, ओलावृष्टि की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
ओलावृष्टि और बारिश का मौसम मार्च में क्यों आया ?
पश्चिमी जेट स्ट्रीम इसका बड़ा कारण है, जो वायुमंडल में 10 से 12 किलोमीटर ऊंचाई पर बनती है। मौजूदा सीजन में यह सामान्य तौर पर हिमालय से लेकर उत्तरी रीजन जम्मू कश्मीर तक बनती है। लेकिन इस बार यह साउथ रीजन में आ गई है। इसका असर राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों पर पड़ रहा है।