ग्रे मार्केट में गिरा शेयर का प्रीमियम, आधी रह गई कीमत, अब आगे क्या? समझिए

ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयर पर प्रीमियम (Premium On LIC Shares In Gray Market) धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद से यह दबाव में आ गया है. गुरुवार को ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 125 रुपये से गिरकर 65 रुपये रह गया.
नई दिल्ली. भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ (LIC IPO) कई दिनों से चर्चा में है. बुधवार को यह आईपीओ लॉन्च हो गया. आईपीओ खुलने के पहले दिन इसे पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारियों का तो भरपूर समर्थन हासिल हुआ और इन दोनों का कोटा शाम तक पूरी तरह भर गया. लेकिन, रिटेल इनवेस्टर्स का वैसा साथ पहले दिन नहीं मिला, जैसा उम्मीद जताई जा रही थी.
बाजार जानकारों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के निर्णय का भी एलआईसी आईपीओ पर नकारात्मक असर हुआ है. अगर हम ग्रे मार्केट प्रीमियम पर नजर डालें तो लगता है कि रेपो रेट बढ़ने का असर हुआ है. ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयर पर प्रीमियम (Premium On LIC Shares In Gray Market) धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद से यह दबाव में आ गया है.
प्रीमियम में आई गिरावट
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट में एलआईसी शेयर पर पहले 72 रुपये प्रीमियम मिल रहा था. इसके बाद यह बढ़कर 85 रुपये हो गया. ग्रे मार्केट में लगातार प्रीमियम बढ़ता ही गया और यह पहले 105 हुआ और फिर 125 तक पहुंच गया. लेकिन, यहां पर आकर इसने बैक गियर लगा दिया है. अब यह 125 रुपये से गिरकर 65 रुपये पर पहुंच गया है. इस ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयर का प्रीमियम अपने ऑल टाइम हाई से लगभग आधा रह चुका है.
बाजार जानकारों का कहना है कि प्रति शेयर 60 रुपये का प्रीमियम भी कम नहीं है. एलआईसी आईपीओ का प्राइस बैंड 902-949 रुपये है. पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये छूट मिल रही है तो रिटेल इनवेस्टर्स और कर्मचारियों को भी 45 रुपये प्रति शेयर डिस्काउंट दिया जा रहा है. इस तरह अगर प्रीमियम को जोड़ दें तो इश्यू प्राइस पर भी इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 100 रुपये से ज्यादा प्रॉफिट हो रहा है.
पहले दिन 67 फीसदी भरा
एलआईसी का आईपीओ बुधवार को लॉन्च होने के पहले दिन 67 फीसदी सब्सक्राइब हुआ था. पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारियों के लिए आरक्षित कोटे के सभी शेयरों के लिए बोली लग गई. परंतु, रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हो पाया. हालांकि, इस आईपीओ को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. इसका पता जनरवरी से मार्च के बीच खुले 90 लाख डीमैट अकाउंट से लगता है. एलआईसी आईपीओ में बोली लगाने के लिए निवेशकों को ज्यादा समय मिल रहा है. इससे उम्मीद की जा रही है कि रिटेल इनवेस्टर का कोटा भी पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाएगा.






