बांग्ला फिल्म अभिनेत्री और जादवपुर से टीएमसी की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर बड़ा आरोप लगाया है. मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें बार-बार अपमानित किया गया है. वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. गुरुवार को मिमी चक्रवर्ती विधानसभा पहुंचीं और विधानसभा में स्पीकर बिमान बनर्जी के कक्ष में उनकी ममता बनर्जी से मुलाकात हुई. मिमी चक्रवर्ती ने फिर दोहराया कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा ममता बनर्जी को दे दिया है, लेकिन ममता बनर्जी ने स्वीकार नहीं किया है. जब ममता बनर्जी इस्तीफा स्वीकार कर लेंगी, तो वह अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को देंगी.
उन्होंने कहा कि वह राजनीति में नहीं रहना चाहती हैं. लेकिन वह आम लोगों के बीच रहेंगी. वह समझ गयी हैं कि राजनीति उनके लिए नहीं है. वह कभी भी राजनीति नहीं करना चाहती थी.
बता दें कि मिमी चक्रवर्ती पांच साल से सांसद हैं. तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें जादवपुर जैसे महत्वपूर्ण केंद्र से टिकट दिया था. सूत्रों के मुताबिक, मिमी चक्रवर्ती ने 13 फरवरी को ममता बनर्जी को एक पत्र भेजा था. उस पत्र में मिमी चक्रवर्ती ने ममता को सांसद पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी.
बार-बार किया गया अपमानितः मिमी
सूत्रों के मुताबिक, मिमी चक्रवर्ती ने पत्र में कहा कि वह मानसिक पीड़ा से जूझ रही हैं. मिमी ने यह भी दावा किया कि उन्हें कभी मंच पर, कभी फोन पर, कभी अन्य तरीकों से अपमान सहना पड़ा. उन्हें न केवल अपमान सहना पड़ा, बल्कि उपेक्षा भी सहनी पड़ी. पत्र में यह भी दावा किया गया है कि वह उस दर्द के बारे में बात खत्म नहीं कर सकती हैं.
मालूम हो कि मिमी ने अपने पत्र में कहा था कि वह मानसिक पीड़ा के बारे में आमने-सामने बात नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्होंने पत्र में यह सब लिखा. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद तृणमूल सुप्रीमो उनसे बात करना चाहती थीं.
विधानसभा में ममता बनर्जी से मिलीं मिमी
मिमी चक्रवर्ती के पत्र के बाद गुरुवार को उन्हें विधानसभा तलब किया गया था. विधानसभा में वह स्पीकर के कक्ष में सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की. ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद मिमी चक्रवर्ती ने फिर से कहा कि वह राजनीति में अब नहीं रहना चाहती हैं और न ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.
दूसरी ओर, अभिनेता और बीजेपी नेता रुद्रनील घोष ने कहा, ”मैं बहुत पहले ही बाहर आ गया था. मेरे जो मित्र वहां हैं, वो इस चोरी को बढ़ावा देने की, लोकतंत्र पर डाका डालने की साजिश को नहीं देख पा रहे हैं. कुछ लोग पहले अपना मुंह खोल रहे हैं, कुछ बाद में अपना मुंह खोल रहे हैं.