ओडिशा में चक्रवात दाना से प्रभावित जिलों के 50 हजार से ज्यादा घरों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है. राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लेने के बाद रविवार को मीडिया को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य के केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों के चक्रवात प्रभावित इलाकों में करीब 50 हजार घरों में अभी तक बिजली आपूर्ति नहीं हो पाई है.
वहीं, बिजली न होने से इन जिलों में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग अपने मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज करने के लिए जेनरेटर के सामने लंबी कतारों में खड़े हैं. इतना ही नहीं, मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज करने के लिए 20 रुपए प्रति घंटे का भुगतान करना पड़ रहा है. अगर वाटर टैंक में पानी भरवाना है तो 300 रुपये देने पड़ रहे हैं. सीएम मांझी का कहना है कि जलभराव के कारण इन इलाकों में बिजली बहाल नहीं हो पाई है.
करीब 30 हजार लोग अभी भी आश्रय केंद्रों में हैं- CM मांझी
सीएम मोहन चरण मांझी ने कहा कि मरम्मत का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. बंद सड़कों को फिर से खोल दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रभावित 98 फीसदी इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है. चक्रवात से प्रभावित 22.84 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 22.32 लाख घरों में बिजली पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में करीब 50 हजार घरों में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है, क्योंकि गांव जलमग्न हैं.
उन्होंने कहा कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए करीब 7 हजार कर्मचारी लगे हुए हैं. राज्य सरकार की ओर से प्रभावित क्षेत्र में 8 लाख से अधिक लोगों को 6,210 आश्रय केंद्रों में पहुंचाया गया है. वहीं, सीएम ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद अधिकांश लोग अपने घर लौट चुके हैं. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर करीब 30 हजार लोग अभी भी 470 आश्रय केंद्रों में हैं, क्योंकि उनके घर पानी में डूबे हुए हैं.
DM कोक्षति का आकलन रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर और मयूरभंज के 12 ब्लॉकों के 4,100 गांवों में 2.21 लाख एकड़ से अधिक खड़ी फसलें प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्रों में जलस्तर घटने के बाद विस्तृत क्षति का आकलन किया जाएगा. सीएम ने कहा कि जिला कलेक्टरों को दो नवंबर तक नुकसान आकलन रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. ताकि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जा सके.
दूसरी ओर, बिजली की समस्या को देखते हुए लोग खुद ही अपनी व्यवस्था देख रहे हैं. जिनके पास पेट्रोल-डीजल से चलने वाले जेनरेटर सेट हैं, वे पैसे लेकर क्षेत्र के लोगों को सेवाएं दे रहे हैं. भद्रक जिले के नुआगांव गांव के एक युवक ने कहा, ‘मैंने अपना मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए 20 रुपये प्रति घंटे का भुगतान किया है. हम प्रशासन से जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने का अनुरोध करते हैं.’