ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
देश

ज्ञानवापी केस में बड़ा फैसला, हिंदू पक्ष को मिला तहखाने में पूजा का अधिकार

ज्ञानवापी केस में बुधवार को बड़ा फैसला आया. हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना में पूजा का अधिकार मिल गया. वाराणसी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी. ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें एक देवता के विग्रह की पूजा का काम सोमनाथ व्यास किया करते थे.

जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए. याचिका में सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक ने तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी. 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था. एएसआई सर्वे कार्रवाई के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी.

दिसंबर 1993 में राज्य की मुलायम सिंह यादव सरकार के मौखिक आदेश पर तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगाते हुए तहखाने को सील कर दिया गया. बाद में इसकी बेरिकेटिंग भी कर दी गई. व्यास जी यानी सोमनाथ व्यास ने अपने 2 साथियों रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय के साथ मिलकर ज्ञानवापी परिसर में रकबा संख्या 9130, 1931 और 1932 के अधिकारी संबंधी याचिका डाली.

इस याचिका में अर्जी नंबर 9130, 31,32 को आदि विशेश्वर की संपत्ति बताई गई. 1993 से तहखाना बन्द रहा और कस्टोडियन के तौर पर वाराणसी के ज़िलाधिकारी के पास तहखाने की चाभी रखी रही. साल 2016 में सोमनाथ व्यास के नाती शैलेन्द्र पाठक ने वाराणसी कोर्ट में याचिका डालकर अपनी संपत्ति वापस मांगी.

Related Articles

Back to top button