रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कर्ज नहीं चुकाने पर एनआरडीए की जमीन पर बैंक द्वारा कब्जा किए जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के आरोप पर प्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने पलटवार किया है। उन्होंने इस स्थिति के लिए पूर्व सीएम और उनकी सरकार को जिम्मेदार बताया है।
अकबर ने कहा कि मांग का आकलन और सर्वे किए बिना निवेश करने व अत्यधिक लागत में निर्माण कराने के पूर्व सरकार के निर्णय के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है। बता दें कि डा. रमन सिंह ने इस हालात को गर्त में जाता छत्तीसगढ़ कांग्रेस का माडल कहा है।
शंकर नगर स्थित शासकीय निवास कार्यालय में मंगलवार की शाम को पत्रकारों को तथ्यों के साथ जानकारी देते हुए मंत्री अकबर ने बताया कि उस रिटेल कांप्लेक्स की निर्माण लागत 262.31 करोड़ है। इसकी वजह से उसकी लागत बढ़ गई। जब वहां निर्माण किया गया तब इस परियोजना व इसकी मांग से संबंधित किसी भी प्रकार का सर्वे या आकलन आदि नहीं किया गया था।
अकबर ने बताया कि नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम कयाबांधा व ग्राम बरौदा के कुल भाग रकबा 2.659 हेक्टेयर भूमि में रिटेल कांप्लेक्स का निर्माण हुआ है। इसके लिए यूनियन बैंक आफ इंडिया 169 करोड़ का ऋण प्राप्त कर जून 2016 में निर्माण प्रारंभ किया गया। 31 दिसंबर 2018 को निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं, कर्ज के विरुद्ध 20.71 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। 30 जून 2021 की स्थिति में 158.29 करोड़ का उधार बाकी है।
भवन में कुल विक्रय योग्य कारपेट एरिया लगभग 2.64 लाख वर्गफीट है। इसमें से 10 प्रतिशत, 0.27 लाख कारपेट एरिया का विक्रय किया जा चुका है। इसके अलावा छह प्रतिशत, 0.17 लाख कारपेट एरिया मासिक किराया पर आवंटित है। भवन में 2.20 लाख कारपेट एरिया का न आवंटन हुआ है न ही बिका है।
मंत्री अकबर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन व उनकी नीतियां इस मामले में पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। इसके बावजूद वे वर्तमान सरकार पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अपने पूरे कार्यकाल में डा. रमन ने प्रदेश की जनता की गाढ़ी मेहनत की कमाई को बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि मांग के अनुरूप निर्माण कार्य कराए होते तो यह नौबत नहीं आती।