ब्रेकिंग
बिल जमा न हुआ हो तो भी 2 घंटे से ज्यादा अस्पताल में नहीं रख सकते शव, इस राज्य सरकार का अस्पतालों को ... कन्हैया लाल हत्याकांड: बेटे का दर्द कहा- फिल्म उदयपुर फाइल्स पर रोक लगाने की जल्दबाजी, लेकिन अपराधिय... जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाया जाएगा महाभियोग, सरकार ने मांगा विपक्ष का साथ मिजोरम: राज्यपाल ने चकमा स्वायत्त जिला परिषद को किया भंग, कब हुआ था इसका गठन? पहले आपातकाल पर घेरा, फिर खुद को बताया केरल का लोकप्रिय सीएम उम्मीदवार, कांग्रेस में खलबली मचा रहे श... सोशल मीडिया की वजह से रिश्तों में खटास, दिल्ली-मुंबई और पटना जैसे शहरों के रिलेशनशिप सर्वे में सामने... 13 जुलाई को लेकर जम्मू-कश्मीर में क्यों छिड़ गई है सियासी जंग? जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने मरीज का धो डाला फेफड़ा, कैसे हो गया था जाम? फ्री में हुआ इलाज कांवड़ यात्रा आज से शुरू, दिल्ली से नोएडा एंट्री करने वाले जरूर देखें ट्रैफिक एडवाइजरी, 15 दिन के लि... बहनोई की हरकत देख रही थी दुल्हनिया, कन्यादान से पहले तोड़ी शादी, बोली- मुझ पर ये…
देश

ब्रह्मोस से लैस होगा सुखोई, जल हो या वायु, जहां मिलेंगे दुश्मन वहीं हो जाएंगे तहस-नहस

नई दिल्लीः बालाकोट हवाई हमलों के कई दिनों बाद सरकार ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया तेज करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘‘युद्ध नीति संबंधी” परियोजना के कार्यान्वयन को तेज करने का फैसला बालाकोट हवाई हमले और उसके बाद पाकिस्तानी प्रतिक्रिया के करीब छह सप्ताह बाद उठाया गया।
सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) इस परियोजना को लागू कर रही है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड को यह परियोजना शीघ्र लागू करने के लिए कहा गया है ताकि दिसंबर 2020 की निर्धारित समयसीमा से पहले इसे पूरा किया जा सके।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि गहन निगरानी वाली इस रणनीतिक परियोजना का मकसद भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत करना है। साल 2016 में सरकार ने 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैनात करने का फैसला किया था
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, परियोजना पर असली काम 2017 के अंत तक शुरू हुआ, हालांकि इसका कार्यान्वयन काफी धीमा है। उन्होंने बताया कि बालाकोट हवाई हमलों और इसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के तरीकों की समीक्षा की गई तथा यह महसूस किया गया कि सुखोई विमानों को ब्रह्मोस से जल्द से जल्द लैस करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि सरकार वायु सेना की युद्धक क्षमता को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। एचएएल को खासतौर से ब्रह्मोस परियोजना में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त मानवश्रम और संसाधनों को लगाने के लिए कहा गया है। एक बार जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी तो वायु सेना की लंबी दूरी से समुद्र या जमीन में किसी भी लक्ष्य को भेदने की शक्ति कई गुना बढ़ने की संभावना है। 40 सुखोई विमानों के बेड़े को मिसाइलों से लैस करने के लिए, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में उनके संरचनात्मक संशोधन किए जा रहे हैं। ब्रह्मोस मिसाइल भारत के सुखोई-30 लड़ाकू विमान पर तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button