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मध्यप्रदेश

MP में सबसे बड़ी डिजिटल ठगी! रामकृष्ण आश्रम के सचिव से 2.5 करोड़ ले गए ठग

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए और 2.5 करोड़ रुपये गंवा दिए । एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधियों ने 17 मार्च को नासिक पुलिस का रूप धारण करके पीड़ित को व्हाट्सएप पर कॉल किया और करीब 20 दिनों तक उससे बात करते रहे। उन्होंने कहा कि जालसाजों ने इस बीच अलग-अलग खातों में रकम का लेनदेन किया।

एएसपी निरंजन शर्मा के मुताबिक, ऑनलाइन धोखाधड़ी के संबंध में एक आवेदन प्राप्त हुआ है। जिले के थाटीपुर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव ने आवेदन प्रस्तुत किया है। उन्हें नासिक पुलिस के नाम से व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आया। उन्होंने उन्हें बताया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग खाते से जुड़ा हुआ है, और लेनदेन ईडी में किए गए हैं। उन्होंने (रामकृष्ण मिशन सचिव) कहा कि उन्होंने ऐसा कोई लेनदेन नहीं किया है। फिर साइबर जालसाजों ने सत्यापन के नाम पर उनसे उनका आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण मांगा। इसके बाद उन्होंने खाते की एक प्रति पीड़ित को भेजी और उन्होंने उसे बताया कि एक समन जारी किया गया है और उसे गिरफ्तार किया जाएगा।”

एएसपी ने बताया कि साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के अपने तौर-तरीके के तहत लगातार उन्हें कॉल करते रहे और उन्होंने पीड़ित को यह भी आश्वासन दिया कि अगर वह उनका साथ देगा, तो वे उसकी मदद करेंगे। अधिकारी ने बताया कि जालसाजों ने उससे जमानत राशि जमा करने को कहा, जो तीन दिन बाद वापस कर दी जाएगी। इसके बाद उन्होंने उससे करीब 2.5 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।

एएसपी शर्मा ने आगे बताया कि पीड़ित को पहली बार 17 मार्च को कॉल आया और जालसाज करीब 20 दिन तक उससे बात करते रहे और इस दौरान लेन-देन भी हुआ। यह मामला साइबर धोखाधड़ी माना जाएगा, क्योंकि डिजिटल गिरफ्तारी के मामले में एक व्यक्ति को एक स्थान पर बंधक बनाया जाता है। लेकिन इस मामले में पीड़ित को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।

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