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डिफेंस स्टॉक्स में आने वाली है गिरावट की सुनामी! सिर्फ इतने दिन में निकाले गए ₹1,700 करोड़

डिफेंस सेक्टर में पिछले कुछ समय से चल रही तेजी अब थमती नजर आ रही है. म्यूचुअल फंड्स ने पिछले महीने नौ डिफेंस स्टॉक्स में करीब 1,700 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस स्टॉक्स में आई रैली अब महंगी वैल्यूएशन की वजह से दबाव में है. निवेशकों को अब लग रहा है कि इन शेयरों की कीमतें जरूरत से ज्यादा बढ़ चुकी हैं.

म्यूचुअल फंड्स ने क्यों बेचे शेयर?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार के डिफेंस खर्च में बढ़ोतरी और नाटो के डिफेंस बजट टारगेट ने डिफेंस सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. लेकिन अब वैल्यूएशन इतनी ज्यादा हो गई है कि बड़े-बड़े निवेशक शेयर बेच रहे हैं. प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, सोलर इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा 952 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई. इसके बाद जेन टेक्नोलॉजीज में 192 करोड़ और भारत फोर्ज में 165 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए. जीआरएसई में 153 करोड़, कोचीन शिपयार्ड में 120 करोड़ और मझगांव डॉक में 96 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई. कुल मिलाकर 1,713 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए.

वहीं, खरीदारी सिर्फ 100 करोड़ रुपये की हुई, जिसमें भारत डायनामिक्स, यूनिमेच और बीईएल जैसे स्टॉक्स शामिल हैं. इस बिकवाली का असर शेयर कीमतों पर भी दिखा. निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स पिछले एक महीने में 4% गिरा. जीआरएसई, एस्ट्रा माइक्रोवेव और कोचीन शिपयार्ड में दोहरे अंकों की गिरावट आई, जबकि सोलर इंडस्ट्रीज 9% और एचएएल 3% नीचे आए.

एक्सपर्ट्स बना रहे डिफेंस स्टॉक्स से दूरी

डिफेंस सेक्टर के सबसे बड़े समर्थक भी अब सावधानी बरत रहे हैं. कार्नेलियन असेट मैनेजमेंट के विकास खेमानी ने कहा, “हम डिफेंस स्टॉक्स से दूरी बना रहे हैं. बाजार में इन शेयरों को लेकर ज्यादा उत्साह है, जो खतरनाक हो सकता है.” खेमानी का कहना है कि वे पूरी तरह डिफेंस सेक्टर से बाहर नहीं हैं, लेकिन अब चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश करेंगे.

वहीं, अंबरीश बालीगा ने एक और खतरे की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “वैल्यूएशन इस समय काफी महंगी है. असली समस्या डिलीवरी और एग्जीक्यूशन की है. कई कंपनियों के पास छह-आठ साल तक के ऑर्डर हैं, लेकिन अगर वे अपनी क्षमता नहीं बढ़ा पाए, तो दिक्कत होगी.” बालीगा ने एचएएल का उदाहरण दिया, जहां पहले ही डिलीवरी में देरी की खबरें सामने आई हैं.

मोतीलाल ओसवाल ने भारत डायनामिक्स (बीडीएल) पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 1,900 रुपये रखा है, जो उस समय के मार्केट प्राइस से 4% कम था. ब्रोकरेज ने कहा कि बीडीएल के पास ऑर्डर तो बहुत हैं, लेकिन स्टॉक की कीमत इतनी बढ़ चुकी है कि अब इसमें और ऊपर जाने की गुंजाइश कम है. कोटक एएमसी के सीआईओ इक्विटी हर्षा उपाध्याय ने भी कहा, “वैल्यूएशन ज्यादा है, इसलिए हम अभी अपनी पोजीशन नहीं बढ़ा रहे.”

लॉन्ग टर्म में मिल सकती है ग्रोथ

हालांकि, डिफेंस सेक्टर की लंबी अवधि की कहानी अब भी मजबूत है. नाटो का 2035 तक 5% डिफेंस खर्च का टारगेट और भारत में 1 ट्रिलियन रुपये के डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल अप्रूवल्स से सेक्टर को सपोर्ट मिल रहा है. नुवामा का कहना है कि डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में अगले पांच साल में 7-8% की सालाना ग्रोथ हो सकती है. उनकी टॉप पिक्स में बीईएल और डाटा पैटर्न्स शामिल हैं.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी कहा कि FY26 में ऑर्डर इनफ्लो मजबूत रहेगा. सोलर इंडस्ट्रीज, एस्ट्रा माइक्रोवेव और अजाद इंजीनियरिंग जैसे स्टॉक्स 25-30% की ग्रोथ दिखा सकते हैं. डीपीएसयू में एचएएल, बीईएल और मिधानी उनकी पसंद हैं.

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