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बिहार की महुआ विधानसभा सीट में ऐसा क्या जिसके लिए अड़े हुए हैं तेज प्रताप यादव?

बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी अभी नहीं हुआ है. लेकिन सीटों और टिकटों को लेकर अभी से सियासत जोर पकड़ चुकी है. राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सत्ता में वापसी की कोशिशों में लगी है. लेकिन इस बीच पार्टी से निष्कासित किए जा चुके तेज प्रताप यादव ने महुआ विधानसभा सीट से टिकट के लिए अपना दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि अगर यहां से उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो आरजेडी को हार का सामना करना पड़ेगा.

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक इंटरव्यू में महुआ सीट पर अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा, “अगर मुझे टिकट नहीं दिया गया तो RJD महुआ सीट से हार जाएगी.” उन्होंने आगे कहा, “मैं महुआ से ही विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा.”

फिर से सक्रिय हो गए तेज प्रताप

पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप कुछ समय तक शांत रहे, लेकिन अब वह फिर से एक्टिव होते दिख रहे हैं. पिछले दिनों तेज प्रताप ने ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से नया सोशल मीडिया पेज बनाया. इससे पहले यह कहा जा रहा था कि वह नई पार्टी बना सकते हैं. लेकिन अभी वह ‘टीम तेज प्रताप’ के नाम से ही अपनी सियासत चला रहे हैं.

बड़ी बात यह है कि जब कल मंगलवार को आरजेडी की अगुवाई में पूरा विपक्ष बिहार में चल रहे SIR प्रक्रिया का विरोध करते हुए काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंचा तो तेज प्रताप सफेद कपड़े में ही विधानसभा परिसर पहुंच गए. पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप पहली बार विधानसभा गए थे. वह कुछ देर विधानसभा परिसर रहे लेकिन सदन के अंदर नहीं गए. विधानसभा के अंदर विपक्ष के नेता और छोटे भाई तेजस्वी यादव के बगल वाली सीट पर बैठते रहे हैं.

महुआ सीट से फिर से लड़ने का ऐलान

वह कहां से चुनाव लड़ेंगे, यह सवाल उनसे कई बार सवाल पूछा जाता रहा है तब उनका जवाब होता था कि यह अभी तय नहीं है. लेकिन कल मंगलवार को उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी मंशा जाहिर कर दी कि वह वैशाली जिले में पड़ने वाली महुआ सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. उनके इस ऐलान के बाद पार्टी के अंदर हलचल मच गई है. जाहिर है कि इससे पार्टी में सियासी भूचाल भी आ सकता है.

अब सवाल उठता है कि आखिर वो महुआ सीट से ही चुनाव क्यों लड़ना चाहते हैं. 2020 के चुनाव में वह समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से चुनाव लड़े थे और 21 हजार से भी अधिक वोटों के साथ चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. समस्तीपुर वैशाली से सटा हुआ जिला है, जिसे लालू परिवार का गढ़ माना जाता है. उनके ऐलान से पहले ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि तेज प्रताप इस बार अपनी पिछली सीट हसनपुर से चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं.

2020 में ऐश्वर्या की वजह से छोड़ी थी सीट

साल 2020 के चुनाव में तेज प्रताप ने महुआ सीट छोड़कर पड़ोसी जिले की समस्तीपुर के हसनपुर आने का फैसला लिया. वजह उनसे अलग हो चुकीं पत्नी ऐश्वर्या राय की ओर से चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान करना था. हालांकि ऐश्वर्या ने चुनाव नहीं लड़ा. तब आरजेडी ने महुआ से मुकेश कुमार रौशन को उतारा और वह विजयी रहे.

महुआ सीट वैशाली जिले में आती है. इस जिले में विधानसभा की 8 सीटें हैं जिसमें 2 सीटें रिजर्व हैं. लालू के इस गढ़ में पिछले चुनाव में आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन को थोड़ा झटका लगा था. उसे 3 सीटों पर जबकि एक सीट पर सहयोगी कांग्रेस को जीत मिली थी. बीजेपी इस जिले की 3 सीटें निकालने में कामयाब रही तो एक सीट जेडीयू के खाते में आई. जबकि 2015 के चुनाव में महागठबंधन को 8 में से 6 सीटों पर जीत मिली थी.

तेजस्वी के पास की सीट है महुआ

महुआ सीट यहां की हाई प्रोफाइल राघोपुर सीट से थोड़ी दूरी पर है. राघोपुर सीट से उनके छोटे भाई और सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चुनाव लड़ते हैं. वह यहां से लगातार 2 बार चुनाव जीत चुके हैं और इस बार वह जीत की हैट्रिक लगाना चाहते हैं. राज्य की यह वही बेहद अहम सीट है जहां से पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव भी 2 बार चुनाव जीत चुके हैं. तेज प्रताप की मां राबड़ी देवी भी यहां से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. उम्मीद है कि तेजस्वी लगातार तीसरी बार यहां से अपनी किस्मत आजमाएंगे.

लालू के गढ़ वाले क्षेत्र में पड़ने वाली महुआ विधानसभा सीट मुस्लिम और यादव बिरादरी की चुनाव में अहम भूमिका रही है. दोनों बिरादरी के मिलाकर 35 फीसदी वोट हैं. यहां पर रविदास और पासवान बिरादरी के लोग भी बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में पार्टी अगर तेज प्रताप को यहां से उम्मीदवार नहीं बनाती है तो वोटों के बंटने का खतरा बढ़ जाएगा. इसी को देखते हुए तेज प्रताप ने दावा भी कर दिया कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो यहां से आरजेडी हार जाएगी.

महुआ क्षेत्र से लगातार जुड़े रहे तेज

महुआ सीट से ही तेज प्रताप ने 2015 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. पिछले दिनों उन्होंने दावा किया था कि 2015 में उनकी ओर से मेडिकल कॉलेज का जो वादा किया गया था, उसे पूरा करा दिया है. अब यहां पर इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया जाएगा. ऐसे में देखा जाए तो उन्होंने महुआ में अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है. माता-पिता के संसदीय क्षेत्र और राजनीतिक करियर के लिहाज से तेज प्रताप के लिए यह क्षेत्र बेहद अहम माना जा सकता है.

पूर्व मंत्री तेज प्रताप को सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ अपने रिश्ते सार्वजनिक किए जाने के बाद उनके पिता और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. पार्टी से बाहर किए जाने के बाद वह किसी का नाम लिए बगैर ही पार्टी के अंदर के जयचंद की बात करते रहे हैं. अब नजर इस बात पर है कि महुआ सीट से तेज प्रताप आरजेडी के टिकट से चुनाव लड़ते हैं या फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर.

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