ब्रेकिंग
MP-राजस्थान और पंजाब में बाढ़ राहत में जुटी सेना, बचाए गए 100 से ज्यादा लोग किसने किया रेप? मानसिक रूप से बीमार लड़की भूल गई नाम, 8 महीने की प्रेग्नेंट… 100 लोगों में से कैसे प... स्कूल फीस रेग्यूलेट करने वाला बिल लाएगी रेखा सरकार, इस सत्र में करेगी पेश दिल लेफ्ट में नहीं सेंटर में, लिवर और फेफड़े भी इधर-उधर… 45 साल बाद खुला शरीर की अनोखी बनावट का राज सांप ने महिला को काटा, सड़क न होने से नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस… 8 किमी कंधे पर उठाकर ले गए अस्पताल, म... सायरन वाली गाड़ी से आए दो युवक, खुद को SOG बताकर टोल टैक्स से बचे; क्या हुई कार्रवाई? उनके साथ ऐसा क्यों किया और किसके लिए किया? मालेगांव विस्फोट मामले में बरी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पु... DNA रिपोर्ट देख लीजिए, ये सचिन का बेटा है… अब राजा रघुवंशी का परिवार सवालों में, महिला ने लगाए गंभीर... ताकि तेजस्वी वाली गलती न हो… वोटर लिस्ट में आप भी देख सकते हैं दूसरों का नाम, ये है तरीका कर्नाटक: पूर्व PM देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में उम्रकैद की सजा, 10 लाख रुपए का जुर...
मध्यप्रदेश

2015 में ड्राइविंग लाइसेंस, 2020 में पासपोर्ट बनवाया… जबलपुर में की शादी; अफगानी नागरिक सोहबत 10 साल से छिपकर भारत में रह रहा था, अरेस्ट

मध्य प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. मध्यप्रदेश एटीएस ने जबलपुर शहर के ओमती क्षेत्र से एक अफगानी नागरिक सोहबत खान को गिरफ्तार किया है, जो बीते लगभग एक दशक से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में छिपकर रह रहा था. बताया जा रहा है कि सोहबत खान वर्ष 2015 में भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर पहले पश्चिम बंगाल में रुका और फिर भोपाल होते हुए जबलपुर आ गया. जबलपुर आने के बाद उसने खुद को भारतीय नागरिक दिखाने के लिए न केवल नौकरी की तलाश की, बल्कि एक स्थानीय महिला से विवाह भी कर लिया. वह ओमती क्षेत्र में काफी समय से निवास कर रहा था और उसके पास से बरामद दस्तावेजों में फर्जी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट शामिल हैं.

एटीएस सूत्रों के अनुसार, उसने वर्ष 2015 में जबलपुर से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया और वर्ष 2020 में पासपोर्ट हासिल किया. इसके लिए उसने आधार कार्ड में पता बदलवाकर जबलपुर का नकली एड्रेस अपलोड किया था. जांच में यह भी सामने आया है कि उसने पश्चिम बंगाल के दो अन्य अफगानी नागरिकों अकबर और इकबाल के भी पासपोर्ट बनवाने में मदद की, जिनके पते में जबलपुर का जिक्र किया गया था. पूछताछ में सामने आया कि सोहबत खान भारतीय दस्तावेज बनवाने के लिए लोकल एजेंट्स की मदद लेता था और इसके बदले में मोटी रकम चुकाता था.

दो अन्य स्थानीय नागरिक भी अरेस्ट

शुरुआती जानकारी के अनुसार, पासपोर्ट और अन्य पहचान-पत्र बनवाने के लिए लगभग 10 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है. एटीएस ने इस नेटवर्क में शामिल दो अन्य स्थानीय व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें एक विजय नगर निवासी वन रक्षक दिनेश गर्ग है, जो वर्तमान में कलेक्ट्रेट के चुनाव सेल में पदस्थ है. दूसरा आरोपी महेंद्र कुमार कटंगा क्षेत्र का निवासी है जो दस्तावेजों की फर्जी प्रक्रिया में सहायक की भूमिका निभा रहा था.

जांच एजेंसी को इस बात के भी सुराग मिले हैं कि सोहबत खान के अन्य सहयोगी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हैं. फिलहाल उनसे संबंधित दस्तावेजों की भी गहन जांच चल रही है. एटीएस को संदेह है कि सोहबत खान ने जबलपुर स्थित पासपोर्ट कार्यालय में अफगानी नागरिकों के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाने के लिए प्रयास किया और इसके लिए वह बार-बार कार्यालय के चक्कर लगा रहा था. साथ ही, उसने कई स्थानीय लोगों को भी इस प्रक्रिया में शामिल कर नकद भुगतान किया.

सूत्रों का यह भी दावा है कि फिलहाल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में करीब 20 से अधिक अफगानी युवक गुप्त रूप से रह रहे हैं, जिनकी पहचान और गतिविधियों की जांच का काम एटीएस कर रही है. फर्जी पहचान और दस्तावेजों के सहारे देश की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाले इस गिरोह का खुलासा होना एटीएस की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. पूछताछ और जांच के बाद और भी नाम सामने आने की संभावना है.

Related Articles

Back to top button