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उत्तरप्रदेश

तौकीर रज़ा का ‘नेटवर्क’ ध्वस्त: करीबी नफीस और नदीम समेत सात पर हिंसा की साजिश का आरोप, पुलिस ने कसा कानूनी शिकंजा

यूपी के बरेली जिले में 26 सितंबर को हुई हिंसा का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अब पुलिस जांच में नए खुलासे हो रहे हैं. मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉ. नफीस, नदीम, पार्षद अनीस, मुनीर इदरीशी, हिस्ट्रीशीटर नयाब उर्फ मुन्ना, अफजाल बेग और मौलाना को शरण देने वाले फरहत पर भी साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने इन सभी को दसों मुकदमों में साजिशकर्ता धारा 61 के तहत आरोपी बनाया है.

पुलिस जांच के अनुसार, 26 सितंबर को हुई हिंसा के पीछे पहले से रची गई साजिश थी. आरोप है कि मौलाना तौकीर रजा के बुलावे पर भारी संख्या में लोग एकत्र हुए थे. यह भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और पुलिस टीम पर पथराव व फायरिंग कर दी. मौके से पुलिस ने पेट्रोल से भरी बोतलें, तमंचे और अन्य हथियार बरामद किए थे. इस घटना को लेकर 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. पहले ही मौलाना तौकीर का नाम सभी मुकदमों में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में शामिल किया जा चुका था, अब पुलिस ने उनके साथियों और करीबियों को भी आरोपी बनाया है.

साजिश में 7 नए नाम आए सामने

पुलिस जांच में अब तक सात नए नाम सामने आए हैं. इनमें थाना बारादरी के चक महमूद निवासी फैजल नवी, मोबीन कुरैशी, साजिद सकलैनी, किशोर बाजार निवासी सुभान उर्फ सूरन, डॉ. नफीस का देवरा बेटा फरहान रजा खां और किला निवासी मोईन खां शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि इन सभी ने मौलाना तौकीर के साथ मिलकर हिंसा की योजना बनाई थी. अब इनकी गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है. वहीं, एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जिन-जिन लोगों के नाम और सबूत सामने आ रहे हैं, उन्हें एक-एक कर मुकदमों में जोड़ा जा रहा है और जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

सीसीटीवी फुटेज में सामने आई सच्चाई

शुक्रवार को इस मामले में एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. वीडियो में उपद्रवियों की भीड़ आकाश होटल से डीएवी कॉलेज रोड तक बैरिकेडिंग तोड़ती और पुलिस से भिड़ती दिख रही है. फुटेज में देखा गया कि पुलिस लोगों से घर लौटने की अपील कर रही थी, लेकिन भीड़ में शामिल कुछ अराजक तत्व हाथों में भड़काऊ पोस्टर लेकर नारेबाजी करते रहे. कुछ देर बाद उन्होंने पुलिस पर धक्का-मुक्की की और बैरिकेडिंग फेंक दी. इसके बाद भीड़ डीएवी कॉलेज की ओर बढ़ गई. यह पूरी घटना आसपास लगे कैमरों में कैद हो गई है. हालांकि Tv9 भारतवर्ष इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पुलिस वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है.

‘सभी साजिशकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई होगी’

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बरेली हिंसा में अब तक जेल भेजे गए आरोपियों के नाम भी सभी मुकदमों में बतौर साजिशकर्ता जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास नए वीडियो और सबूत लगातार आ रहे हैं. इनकी मदद से हर उपद्रवी की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी. एसएसपी का कहना है कि हिंसा की योजना पहले से बनाई गई थी, जिसका मकसद शहर के माहौल को बिगाड़ना था. पुलिस इस मामले में किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है.

शहर में अभी भी पुलिस तैनात

घटना के बाद से ही बरेली पुलिस लगातार सतर्क है. पुराने शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस ने सोशल मीडिया की निगरानी भी बढ़ा दी है ताकि कोई अफवाह या भड़काऊ संदेश फैलने न पाए. अधिकारियों का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.

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