‘Dhoni के करियर का ग्राफ उंचा होता गया, मेरा नीचे आता गया पर हमारी दोस्ती बरकरार रही’

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह (RP Singh) ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत काफी शानदार तरीके से की थई। वो साल 2007 में उस भारतीय टी20 टीम का हिस्सा थे जिस टीम ने MS Dhoni की कप्तानी में पहली बार टी20 विश्व कप का खिताब जीता था। हालांकि इसके बाद वो अपने पहले जैसे प्रदर्शन को जारी नहीं रख पाए, लेकिन उन्होंने घरेलू सर्किट पर अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा।
आरपी सिंह (RP Singh) जिन दिनों टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं उस वक्त महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhoni) के साथ उनकी दोस्ती काफी गहरी थी और दोनों के बीच काफी मजबूत रिश्ता था। उनकी ये दोस्ती और मजबूत रिश्ता अब भी उसी तरह से कायम है। आरपी सिंह इन दिनों कमेंट्री और कोचिंग कर रहे हैं। उन्होंने अब आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान अपने और धौनी (Dhoni) के बीच की दोस्ती का जिक्र करते हुए कई बातें बताई।
आरपी सिंह ने बताया कि हमारे बीच अच्छी दोस्ती थी और हम साथ में टाइम बिताया करते थे। इसके बाद वो टीम के कप्तान बन गए और उनका ग्राफ बढ़ता चला गया जबकि मेरा ग्राफ नीचे आता चला गया। उन्होंने ये साफ किया कि बेशक हमारे क्रिकेट करियर में किसी भी तरह का बदलाव आया, लेकिन हमारी दोस्ती वैसी ही रही और अब भी हम उसी तरह से बातें करते हैं साथ में घूमते हैं। हालांकि क्रिकेट के मामलों में हमारी राय अलग है।
आरपी सिंह ने भारत के लिए 14 टेस्ट, 58 वनडे और 10 टी 20 इंटरनेशनल मैच खेले थे साथ ही साथ आइपीएल में भी उनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। हालांकि भारतीय टीम में वो वापसी इसके बाद नहीं कर पाए और वो टीम इंडिया में फिर से वापसी क्यों नहीं कर पाए इसका उत्तर उनके पास अब तक नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के हिसाब से मैं हमेशा टॉप पर रहा, लेकिन मैं वनडे और टेस्ट टीम में अपनी जगह नहीं बचा पाया। मैंने आइपीएल में खेला और जहां तक मेरा अंदाजा है पहले तीन और चार सीजन में मैं सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज था, लेकिन मैं भारत के लिए नहीं खेल पाया शायद इसकी वजह ये है कि कप्तान को मुझ पर भरोसा नहीं था और ऐसा भी हो सकता है कि मेरा प्रदर्शन शायद नीचे की तरफ चला गया था। मैं टीम में वापसी क्यों नहीं कर पाया इसका जवाब सेलेक्टर्स ने भी नहीं दिया। जब मैंने पूछा तो मुझसे कहा गया कि कड़ी मेहनत करते रहो तुम्हारा भी वक्त आएगा।






