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क्या केंद्र सरकार की ये सोच बच्चों के सपनों पर लगाएगी रोक, खतरे में आए Reality Shows

इन दिनों अलग- अलग टीवी चॅनेल्स पर रियलिटी शो की भरमार है। जिसमें हर उम्र के बच्चों और बड़ों को अपनी कला दिखाने का मौका मिलता है। जोकि बच्चो के आने वाले कल में बहुत ही अच्छा और महत्वपूर्ण हिस्सा भी है लेकिन हाल ही में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्राइवेट सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों को सलाह दी है कि वे डांस आधारित रियलिटी शो में बच्चों का उचित रूप से प्रतिनिधित्व करें।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, मंत्रालय ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी कर ये सलाह दी एडवाइजरी में कहा गया है कि कई डांस आधारित रियलिटी टीवी शो छोटे बच्चों को उन डांस मूव्स में दिखाते हैं, जो उम्र के लिहाज से अनुचित होते हैं। ऐसे डांस मूव्स फिल्मों में मनोरंजन के लिए बड़े लोगों द्वारा किए गए हैं। इससे कम उम्र में ही बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।

मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया, “डांस रियलिटी शोज या इस तरह के किसी भी शोज में बच्चों को अभद्र और अनुचित तरीके से दिखाने से बचें। इस तरह की चीजों का बच्चों पर चिंताजनक प्रभाव हो सकता है, उन्हें कम उम्र में प्रभावित किया जा सकता है”

एडवाइजरी में कहा गया- “चैनलों को आगे भी ऐसे रियलिटी शो और कार्यक्रमों को दिखाने के दौरान अधिकतम संयम, संवेदनशीलता और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं में निहित प्रावधानों और बनाए गए नियमों का पालन सभी प्राइवेट सेटेलाइट टेलीविजन चैनल करेंगे, ऐसी उम्मीद है।

नियमों के अनुसार, “टीवी पर ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए, जो बच्चों को बदनाम करता हो बच्चों के लिए बने कार्यक्रमों में खराब भाषा या हिंसा के सीन नहीं होने चाहिए”

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को लेकर एक और आदेश जारी किया था इस आदेश का मकसद भारतीय भाषाओं का प्रचार और प्रसार था। सरकार के फैसले के तहत अब सभी चैनलों को शोज के टाइटल भारतीय भाषाओं में भी दिखाना अनिवार्य होगा।

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